नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया। मालूम हो कि हाल में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और कुंदन सिंह ने शराबबंदी की समीक्षा करने की बात कही थी। वहीं चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा था कि बाहर से आने वालों को होटलों में शराब पीने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही, बिहार में गुजरात मॉडल की वकालत की थी।
जहरीली शराब को लेकर हाल की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि दारू पीया, इसलिए मरा। जो लोग दारू पीने गये उन्हें खराब दारू मिली। इस पर कुछ लोग चिंता प्रकट कर रहे थे कि खराब दारू मिली। तो क्या अच्छी दारू मिलनी चाहिए थी?
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक आदमी को समझना चाहिए कि दारू नहीं पीयें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून सर्वसम्मति से पारित हुआ। अभी कुछ लोगों की बात सुनते हैं तो हमें आश्चर्य होता है।
कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि भूल जाते हैं क्या? शराबबंदी का प्रस्ताव निबंधन एवं उत्पाद विभाग से आया था और इस विभाग के मंत्री किस पार्टी के थे? वर्ष 2016 में बहुत मजबूती के साथ इसके पक्ष में वे लोग बोलते थे। हमसे मिले तो कहे कि शहरी क्षेत्र में काहे अभी बंद नहीं कर रहे हैं। वहीं, अब उस पार्टी का एक-दो आदमी इसके खिलाफ बोलते हैं तो आश्चर्य होता है। यह कभी नहीं करना चाहिए।