2 रिटायर्ड और एक सेवारत अफसर समेत 5 गिरफ्तार, CBI दो महीने से जांच कर रही

नौसेना के पनडुब्बी बेड़े की खरीदारी एवं रखरखाव प्रक्रिया की कमर्शियल सूचनाएं लीक हो गई हैं। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौसेना के दो रिटायर्ड अफसरों, एक सेवारत कमांडर व दो असैन्य नागरिकों को गिरफ्तार किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नौसेना मुख्यालय ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। सीबीआई अब तक इस मामले में दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में 19 स्थानों पर छापे मार चुकी है। नौसेना के सूत्रों ने भास्कर को बताया कि यह जांच दो महीने से भी ज्यादा समय से चल रही है।

सीबीआई ने सितम्बर के आखिरी सप्ताह में एक रिटायर्ड कोमोडोर और एक रिटायर्ड कमांडर को हिरासत में लिया। उसी समय दो असैन्य नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया। उनसे हुई पूछताछ के बाद मुंबई में नौसेना की पश्चिमी कमान के मुख्यालय से एक सेवारत कमांडर को गिफ्तार कर लिया गया।

सेवारत कमांडर ने रिटायर्ड अफसरों से वर्तमान में चल रहे कीलो क्लास पनडुब्बी के आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट की जानकारियां साझा की थीं। जांच की परतें देख नई दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय हरकत में आ गया और एक वाइस एडमिरल स्तर के अफसर की अगुवाई में 5 सदस्यीय टीम गठित कर आंतरिक जांच के आदेश दे दिए गए।

नौसेना इस केस में फूंक-फूंककर कदम रख रही
सूत्रों ने कहा कि अभी तक की जांच से यह साफ हो चुका है कि जो सूचनाएं साझा की गईं उनका नौसेना के आगामी पनडुब्बी कार्यक्रम प्रोजेक्ट-75 से सरोकार नहीं है। नौसेना इस बारे में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है क्योंकि दो दशक पहले वॉररूम लीक कांड सामने आने से पूरा स्कॉर्पियन पनडुब्बी कार्यक्रम पटरी से उतर गया था।

इससे नौसेना की तैयारियां ठहर गई थीं। भास्कर ने इस बारे में नौसेना से सम्पर्क किया। लेकिन आधिकारिक प्रतिक्रिया हासिल नहीं हो सकी है। सीबीआई जांच में गिरफ्तारियों व आंतरिक जांच की बात अनौपचारिक रूप से स्वीकार की गई।