दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने बुधवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मूर्ति में इस्तेमाल होने वाले रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस यमुना के पानी को प्रदूषित करते हैं। साथ ही नदी में मौजूद जलीय जीवन को नुकसान पहुंचाते हैं।दुर्गा-पूजा को देखते हुए डीपीसीसी की ओर से इस संबंध में एक बार फिर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें मूर्ति बनाने के लिए स्पष्ट तौर पर प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करने को कहा गया है। साथ ही सामान्य लोगों, पूजा समितियों और आडब्ल्यूए से स्थानीय स्तर पर तैयार कंटेनर में ही मूर्ति विसर्जन करने को कहा गया है।
डीपीसीसी ने पुलिस को भी इस संबंध में चौकसी बरतने को कहा है, जिससे नदी या जलाशय की तरफ विसर्जन के लिए ले जाई जा रही मूर्तियों को रोका जा सके। ऐसा करने वालों पर 50 हजार तक जुर्माना लगाने की बात भी कही गई है।