दिल्ली-एनसीआर की स्वास्थ्य व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 में प्रावधान किया है कि एनसीआर के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाएं। इसके साथ ही यूपी और राजस्थान सब रीजन में एक-एक एम्स खोलने का भी प्रावधान है।
मास्टर प्लान 2041 में स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर दिया गया है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ ही डॉक्टर और जनसंख्या के अनुपात को बेहतर बनाने पर जोर दिया है।
100 बेड से बड़े अस्पतालों में कई सुविधाएं : राजधानी में 100 बेड से ज्यादा बड़े अस्पतालों में कई सुविधाएं मिलेंगी। ड्राफ्ट मास्टर प्लान के मुताबिक 100 से ज्यादा बेड के अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू किया जाएगा। इससे डॉक्टरों की कमी से निजात मिलेगी। साथ ही 100 बेड से बड़े अस्पताल को एयर एंबुलेंस सुविधा से जोड़ा जाएगा। ऑनलाइन रेफरल व्यवस्था अनिवार्य : ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 में दिल्ली-एनसीआर में ऑनलाइन रेफरल सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। एनसीआर से बड़ी संख्या में मरीज दिल्ली के अस्पतालों में पहुंचते हैं। सही जानकारी न मिलने पर मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकते रहते हैं।
डॉक्टर जनसंख्या का अनुपात यूपी में सबसे खराब, दिल्ली में सबसे बेहतर
वर्तमान स्थिति डॉक्टर जनसंख्या
डब्लूएचओ के अनुसार 1 1000
दिल्ली 1 2203
हरियाणा सब रीजन 1 10189
राजस्थान सब रीजन 1 10976
यूपी सब रीजन 1 19962
दिल्ली-एनसीआर में चिकित्सा का हाल
150 सरकारी अस्पताल हैं दिल्ली-एनसीआर में
200 से ज्यादा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र
580 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मिलती हैं सेवाएं
19 ट्रॉमा सेंटर हैं अभी दिल्ली-एनसीआर में
177 ब्लड बैंक इस क्षेत्र में कर रहे हैं काम
प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर ट्रॉमा सेंटर हो
मास्टर प्लान 2041 में दुर्घटना के बाद लोगों की जान बचाने के लिए ट्रॉमा सेंटर बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
मास्टर प्लान में प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक 50 किलोमीटर पर ट्रॉमा सेंटर बनाया जाए। अभी दिल्ली-एनसीआर में मात्र 19 ट्रॉमा सेंटर हैं।