झारखंड के पूर्ति एग्रोटेक के साथ सोमवार को दिल्ली में समझौता किया। बिग बास्केट के साथ मिलकर अब ऑनलाइन बाजार में भी सीप की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।
जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बिग बास्केट, पूर्ति एग्रोटेक और ट्राइफेड की साझेदारी से ग्रामीण भारत का जनजातीय समुदाय राष्ट्रीय स्तर पर मुख्यधारा से जुड़ेगा। इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहूलियत होगी। ट्राइफेड के द्वारा ई-किराना प्लेटफार्म बिग बास्केट से समझौते को वनधन उत्पाद इकाइयों के प्रचार-प्रसार और बिक्री में बढ़ोतरी का दावा किया जा रहा है।
कैसे होगा काम
ट्राइफेड के द्वारा पूर्ति एग्रोटेक को ट्राइव्स इंडिया की अपनी आपूर्तिकर्ता सूची में शामिल किया जाएगा। इससे सीप व मोती खरीद कर 141 ट्राइव्स इंडिया बिक्री केंद्र और विभिन्न ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से बेचा जाएगा। बुद्धन सिंह पूर्ति को टेक फॉर ट्राइव्ल के तहत मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार कर जनजातिय उद्यमियों को मत्सयपालन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। झारखंड में 25 वन धन विकास केंद्र समूह विकसित करने की योजना भी है। जहां सीप की खेती के लिए मत्सयपालन व्यवसाय को अंजाम दिया जा सकता है।