नेपाल के पहाड़ों पर बारिश थमने का असर जिले की नदियों पर पड़ा है। राप्ती समेत सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से नीचे आने लगा है। यही वजह है कि नदी का पानी किनारा छोड़ने लगा है। जिससे बाढ़ और तटबंध टूटने का खतरा टल गया है। सरयू नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान से 19 सेमी नीचे आ गया। जबकि राप्ती खतरे के निशान से 68 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं, गोर्रा नदी धीरे-धीरे नीचे आ रही है। वह खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रही है।
पिछले चार दिनों से घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ रहा था। इसकी वजह नेपाल में हो रही बारिश थी। अब जबकि बारिश रुकी है तो नदी का जलस्तर घटने लगा है। एक बार घटने के बाद जब घाघरा नदी का पानी बढ़ने लगा था तो लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई थीं। क्योंकि तटवर्ती क्षेत्रों में फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। जिन स्थानों से पानी निकलने लगा था वहां दोबारा पानी भरने लगा था।
कई स्थानों पर नदी कटान करने लगी थी। मगर अब स्थिति सामान्य होने लगी है। एक समय खतरे के निशान से 2.34 मीटर ऊपर बहने वाली राप्ती का पानी अब लाल निशान से 68 सेमी ऊपर बह रहा है। राप्ती नदी का जलस्तर प्रति घंटा एक सेमी की रफ्तार से घट रहा है। वहीं, एक दिन में एक से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच कर खतरे का निशान पार करने वाली रोहिन नदी अब खतरे के निशान से 2.90 मीटर नीचे आ गई है। उसका पानी लगातार नीचे आ रहा है।