दरभंगा। बच्चों में मौसमी बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। दरभंगा मेडिकल कालेज व अस्पताल के शिशु रोग विभाग में सोमवार की शाम तक 17 नए मरीज भर्ती किए गए। इसमें सात मरीज संक्रमण के शिकार हैं। अबतक इस वार्ड में कुल 123 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। इन सबके बीच छह बच्चे सोमवार को स्वस्थ होकर घर लौटे। आइसीयू में बच्चों को भर्ती कराने के लिए स्वजनों की कतार देर शाम तक लगी रही। मरीज दरभंगा के अलावा सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर से पहुंचे थे। लगातार नवजात बच्चों में संक्रमण व मौसमी बीमारी को देखते हुए शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष सह प्राचार्य डा. केएन मिश्रा स्वयं मानीटरिग कर रहे हैं। बीमार बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बच्चों के लिए वार्ड में बेड कम पड़ रहे हैं। वार्ड में बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। बच्चों के इलाज के लिए लेकर पहुंचे स्वजनों के अनुसार वार्ड के पैथोलाजिकल जांच घर में नाले का पानी जमा है। इसके कारण जांच के नमूने लेने के लिए विभाग को एक्सरे टेक्नीशियन में कक्ष में शिफ्ट किया गया है। वहां भी साफ-सफाई नहीं है। गंदगी के बीच बच्चों के खून, पेशाब आदि जांच के लिए नमूना संग्रह किया जा रहा है। जांच घर में संक्रमण फैलने का खतरा है। बताते हैं कि यहां प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक मरीजों की जांच होती है। इसमें सबसे अधिक जांच संक्रमण से संबंधित है। इसके अलावा एनीमिया, थैलेसीमिया, किडनी, यूरिन आदि की जांच के नमूने लिए जाते हैं। आलम है कि लैब टेक्नीशियन और एक्सरे टेक्नीशियन दोनों एक ही टेबल पर काम करते हैं। इसके कारण लंबी बतार लगी रहती है। चौबीस घंटे लगाई गई चिकित्सकों की ड्यूटी
शिशु रोग विभागाध्यक्ष सह डीएमसीएच के प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने बताया कि सोमवार की शाम तक एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। संक्रमण और अन्य रोग से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए चौबीस घंटे चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें वरीय चिकित्सक भी शामिल किए गए हैं।