उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा को लेकर उनकी तैयारी पूरी है। न्यायालय से हरी झंडी मिलते ही यात्रा शुरू कर दी जाएगी। कोरोना के कारण हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। लंबे समय तक यात्रा पर रोक लगी रही। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर की।
इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत नहीं मिल पाई। इस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली। अब हाईकोर्ट में यात्रा खोलने को लेकर अपील की जाएगी। यदि हाईकोर्ट यात्रा खोलने की मंजूरी देता है, तो यात्रा की तैयारी को लेकर देवस्थानम बोर्ड भी तैयार है। अभी यात्रा को मंजूरी मिलती है तो नवंबर तक यात्रा संचालित होने की संभावना है। इससे यात्रा कारोबार फिर चलने की उम्मीद है।
जो लोग लंबे समय से यात्रा शुरू होने के इंतजार में है, वे अपना कारोबार कर सकेंगे। उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन कहते हैं कि यात्रा की तैयारी को लेकर कोई कमी नहीं है। यात्रा की मंजूरी मिलती है, तो पंजीकरण प्रक्रिया से लेकर सभी तैयारियां पूरी हैं। तैयारियां जून के महीने में भी पूरी थी। उस दौरान हाईकोर्ट की ओर से यात्रा पर रोक लग गई थी।
चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट में 16 को होगी सुनवाई
नैनीताल। चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई अब 16 सितंबर को होगी। कोर्ट ने मामले में आज ही सुनवाई करने के राज्य सरकार के आग्रह को मंजूरी नहीं दी। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। सुनवाई में सरकार की ओर से यह तर्क दिया गया कि कोर्ट ने 26 जून 2021 को कोविड की वजह से चारधाम यात्रा पर रोक लगाई थी।
इसके खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की। सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई। अब राज्य में केस बहुत कम हो गए हैं और सरकार कोविड के नियमों एवं कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करना चाहती है। इस मामले में कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि 26 जून 2021 के आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की है।
जब मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है तो हाइकोर्ट कैसे अपना आदेश को वापस ले सकता है। इस पर सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी वापस लेने की जानकारी दी। यह याचिका सच्चिदानंद डबराल ने दायर की थी।