पंचायत चुनाव में पारदर्शिता लाने और स्वच्छ चुनाव संपन्न कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रही है। मतदान के बाद ईवीएम और बैलट बॉक्स रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगाया जा रहा है। इस लॉक की विशेषता यह है कि जैसे ही इसे खोला जाएगा कि इससे संबंधित सभी पदाधिकारियों को स्ट्रांग रूम का ताला खोले जाने की जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग को भी पता चल जाएगा कि स्ट्रांग रूम को खोला गया है जिसमें ताला खोलने की तारीख और समय की भी जानकारी मिल जाएगी। चुनाव में यह व्यवस्था पहली बार की गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ दीपक प्रसाद ने कहा है कि हर हाल में निष्पक्ष, भयमुक्त और स्वच्छ चुनाव संपन्न कराना है। इसके लिए सारी तैयारियां की जा रही है।
मतदान से सात दिन पहले मतदाता पर्ची कराएं उपलब्ध
चुनाव प्रेक्षकों के प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचन आयुक्त ने इसके लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ-साथ बायोमेट्रिक मशीन भी लगाई जा रही है। इससे प्रत्येक वोटर की पहचान सुनिश्चित कराई जा सकेगी। बायोमेट्रिक पद्धति से पहचान होने पर फर्जी मतदान पर पूरी तरीके से रोक लग जाएगी। निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिया है कि सभी मतदाताओं को मतदान के 7 दिन पहले उनकी मतदाता पर्ची उपलब्ध करा दी जाए। पहले से मतदाता पर्ची मिल जाने पर उन्हें पता चल जाएगा कि उनका मतदान केंद्र कहां है और उन्हें किस भाग में जाकर अपना वोट डालना है। इससे मतदाता आसानी से अपने बूथ पर पहुंच कर मतदान कर सकेंगे और मतदान का प्रतिशत भी बेहतर होगा।