अंबाला। मानव तस्करी की सूचना पर एक बार फिर छावनी रेलवे स्टेशन पहुंची कर्मभूमि एक्सप्रेस में वीरवार की दोपहर को छापामारी की गई। चाइल्ड लाइन सहित सुरक्षा एजेंसियों के लगभग 30 कर्मचारियों ने 4 कोच खंगालने के बाद 7 बच्चों को रेस्क्यू किया। जांच के दौरान 2 बच्चे बालिग मिले। साथ ही दो बच्चे अपने पिता के साथ सफर कर रहे थे, जिन्हें पूछताछ व दस्तावेज देखने के बाद छोड़ दिया गया। संरक्षण में लिए गए 3 नाबालिग बच्चों ने बताया कि वह पंजाब के खेतों में आलू लगाने जा रहे थे। बच्चों के साथ एक व्यक्ति को भी पकड़ा गया है, जिसने अपने आपको बच्चों का दूर का रिश्तेदार बताया है। पकड़ा गया व्यक्ति उमेद कुमार पूर्णिया जिले का निवासी है। उससे आगामी पूछताछ की जा रही है।
पूर्णिया से मिली थी जानकारी
बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े गजेंद्र नौटियाल को पूर्णिया बिहार में कार्यरत एक समाजेसवी ने जानकारी दी थी कि ट्रेन नंबर 02407 न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस में कटिहार स्टेशन से 20 नाबालिग बच्चों को मानव तस्करी के तहत ले जाया जा रहा है। सभी को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर रेस्क्यू किया जाए। सूचना देने वाले ने यह भी बताया कि 4 बच्चे कोच नंबर डी-6 के सीट नंबर 50 और 60 के बीच बैठे हैं। इसी प्रकार 5 बच्चे कोच नंबर डी-9 के सीट नंबर 1 से 10 के बीच, 8 बच्चे कोच नंबर डी-10 सीट नंबर 10 से 20 और 50 से 60 एवं 6 बच्चे कोच नंबर डी-15 सीट नंबर 10 से 20 में सफर कर रहे हैं।
तीन माह में कर्मभूमि एक्सप्रेस में चौथी छापामारी
ट्रेन से तस्करी की सूचना पर वीरवार को चौथी बार छापामारी की गई। पहला छापा 8 जुलाई को मारा गया था, इस दौरान 22 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था। जांच के दौरान 4 बच्चे नाबालिग मिले थे। इसके बाद 29 जुलाई को भी इसी ट्रेन में छापा मारकर 50 बच्चों को संरक्षण में लिया गया और जांच के दौरान 27 बच्चे नाबालिग मिले थे। तीसरी बार 4 अगस्त को छापा मारकर चार नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू किया गया था जोकि अब अपने-अपने परिवारों के पास पहुंच चुके हैं। इनमें से एक केस में मामला दर्ज कराने के लिए पहले ही जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से जीआरपी को पत्र लिखा गया है।
10 मिनट का लिया अतिरिक्त ठहराव
ट्रेन नंबर 02407 वीरवार की दोपहर लगभग 1.15 बजे छावनी जंक्शन पहुंची। 5 मिनट के ठहराव के बाद ट्रेन को लुधियाना की तरफ रवाना होना था। जांच के लिए सीडब्ल्यूसी, एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग टीम, बचपन बचाओ आंदोलन, जिला बाल संरक्षण टीम, रेलवे चाइल्ड लाइन टीम, आरपीएफ व जीआरपी टीम मौजूद रही। ट्रेन में जांच के लिए रेलवे की तरफ से 10 मिनट का अतिरिक्त समय लिया गया था। ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर पहुंचने के बाद सभी टीमों ने गहनता से प्रत्येक कोच की जांच की।
काउंसलिंग जारी
कर्मभूमि एक्सप्रेस में मानव तस्करी की सूचना पर वीरवार की दोपहर छापामारी की गई थी। 7 बच्चों को संरक्षण में लिया गया। पूछताछ के दौरान 2 बच्चे अपने पिता के साथ सफर कर रहे थे, वहीं 2 बच्चे बालिग थे। तीन नाबालिग बच्चों का मेडिकल कराया गया है। बच्चे बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है। अभी उन्हें ओपन शेल्टर होम में रखा गया है।