राज्यपाल ने इटावा जेल पहुंचकर महिला बंदियों से की मुलाकात, बोलीं-संकल्प लें कि दहेज की बुराई को नहीं करेंगी स्वीकार

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दो दिवसीय इटावा प्रवास के अंतिम दिन शुक्रवार को जिला जेल पहुंचकर महिला बंदियों और उनके बच्चों से मुलाकात की। महिला बंदियों के जन कल्याण हेतु कई योजनाओं के शुभारंभ के साथ ही उन्होंने समाज में महती भूमिका का निर्वहन के लिए उन्हें प्रेरित किया।

राज्यपाल ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं तो उन्होंने जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि प्रदेश की जेलों में में बड़ी संख्या में महिलाएं बंदी के रूप में जेलों में हैं। उन्होंने लखनऊ जेल का निरीक्षण किया जहां उन्हें पता चला कि अधिकांश महिलाएं दहेज के मामले में जेल में पहुंची हैं। उन्होंने इटावा जेल में बंद 106 महिला बंदियों से आह्वान किया कि जब भी वह सजा पूरी करके अपने परिवार में लौटें तो जो पोते-पोती, बेटे- बेटी या नाती व नातिन जो भी परिवार में छोटे हैं और उनका विवाह होने वाला हो तो उनके विवाह में दहेज न तो लें और न ही दहेज दें, जिससे किसी और को जेल जाना पड़े। इस दौरान जेल में महिला बंदियों के लिए सेनेटरी नैपकिन वेडिंग मशीन उनके निस्तारण के लिए इंसीनेटर मशीन का उद्घाटन भी उन्होंने किया।

उन्होंने महिला बंदियों के बच्चों को स्कूली किट के साथ पुष्टाहार व उपहार भी भेंट किए। आईजी जेल, जेल अधीक्षक व जेलर समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अंतिम दिन के निरीक्षण कार्यक्रम के बाद राज्यपाल मैनपुरी के लिए रवाना हो गयीं। पुलिस लाइन हेलीपैड पर डीएम श्रुति सिंह, एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने विदाई दी। साथ ही गार्ड ऑफ ऑनर के साथ राज्यपाल को फिर से जिले में आने का न्योता भी दिया गया।