विशेष अनुमति जारी कर दी है। इससे 600 मीटर लंबे और 12 मीटर चौड़ाई वाले कॉजवे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। लोक निर्माण विभाग को कॉजवे निर्माण के लिए 10 दिन का समय दिया गया।
निर्माण विभाग को जाखन नदी पर वैकल्पिक मार्ग (कॉजवे) के निर्माण तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन नदी में रिवर ट्रेनिंग और पेड़ों के कटान को लेकर न्यायालय और वन विभाग का पेंच फंस रहा था। ऐसे में जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने पेंच को दूर करने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कॉजवे निर्माण और बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए विशेष अनुमति जारी करने का निर्णय लिया था। जिलाधिकारी ने कॉजवे निर्माण और बाढ़ सुरक्षा कार्यों की रिर्पाट तैयार करने के लिए लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग की एक संयुक्त समिति गठित की गई थी। बस्ती क्षेत्र की सुरक्षा के लिए नदी के बीचों बीच चैनेलाइजेशन की जरूरत है। तटीय क्षेत्र की बाढ़ सुरक्षा के लिए 580 मीटर मीटर लंबी और एक मीटर गहराई में नदी में चैनलाइजेशन और 170 मीटर लंबाई में गेबियन वॉल से तटबंध का निर्माण किया जाना है।
वहीं वन विभाग ने कहा कि यह पुल कनेक्टिविटी की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।