देश के प्रमुख रामनाथ कोविंद का रविवार को अयोध्या दौरा विश्व को कई संदेश दे गया। रामनाथ कोविंद स्वतंत्र भारत के इतिहास में रामलला के दर्शन कर पूजा-आरती करने वाले पहले राष्ट्रपति बने।
सृष्टि के प्रथम मनुष्य महाराज मनु ने इसकी स्थापना की थी।
युगों का सफर तय करने के बाद भी अयोध्या की धार्मिक आभा निंरतर चमत्कृत होती रही। अयोध्या भले ही सदियों से उपेक्षित रही हो पर इसकी महिमा को मुस्लिम शासकों से लेकर अंग्रेजों ने भी समझा।
अंग्रेज विद्वान एडवर्ड के 148 माइल स्टोन आज भी रामनगरी की पौराणिकता के गवाह हैं। फैजाबाद गजेटियर के अनुसार 1902 में तत्कालीन आईसीएस आरसी होबर्ट, जिलाधिकारी फैजाबाद ने इस नगरी की पौराणिकता को देखते हुए एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा नाम की एक समिति का गठन किया था।
प्रथम नागरिक राष्ट्रपति के अयोध्या आगमन से और भी पुष्ट हुई है।
राष्ट्रपति का अयोध्या दौरा रामनगरी के गौरव, महिमा, गरिमा के उत्कर्ष का परिचायक है