गोरखपुर जलभराव की समस्या को देखकर, जिलाधिकारी ने कहा, नाला तोड़ो, नीचा करो, चाहे जो करो लेकिन पानी निकलना चाहिए, निर्माण जनता की सहूलियत के लिए होता है, मुश्किल बढ़ाने के लिए नहीं

गोरखपुर शहर के कॉलोनियों में जलभराव के हालात का जायजा लेने निकले डीएम विजय किरन आनंद ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार से दो टूक कहा कि नाले को तोड़ना पड़े, नीचा करना पड़े, चाहे कुछ भी करना पड़े, लेकिन जलनिकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी निर्माण जनता की सहूलियत के लिए होता है, मुश्किल बढ़ाने के लिए नहीं।

मेडिकल कॉलेज फोरलेन के आसपास की कॉलोनियों से पानी निकालने के लिए किए जा रहे दावों की हकीकत जांचने के लिए सोमवार को डीएम ने निरीक्षण किया। उन्होंने छह किलोमीटर तक पैदल चलकर प्रभावित कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति को देखा। इस दौरान लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अभियंताओं के साथ स्थानीय पार्षद भी मौजूद रहे।

डीएम ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता से कहा कि हर हाल में तीन दिन में जल निकासी के लिए कार्ययोजना तैयार कर उपलब्ध कराएं। इसके बाद पार्षदों और नगर निगम के मुख्य अभियंता के सामने कार्ययोजना का प्रजेंटेशन होगा। कार्ययोजना प्रभावी होने की दशा में आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीएम ने कार्ययोजना तैयार होने तक पंपों की संख्या बढ़ाकर जलनिकासी कराने का निर्देश दिया। उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही जलभराव की समस्या से स्थायी तौर पर छुटकारा मिल जाएगा।

बता दें कि मेडिकल कॉलेज रोड के पास बने सीसी नाले की ऊंचाई आसपास की कॉलोनियों से अधिक होने की वजह से नालियों का पानी नाले में नहीं जा पा रहा है। जलनिकासी की व्यवस्था ध्वस्त होने की वजह से बारिश में मेडिकल रोड स्थित 10 से अधिक कॉलोनियों के लोग जलभराव की समस्या से परेशान हैं।

डीएम ने राधिका कांप्लेक्स से फातिमा बाईपास स्थित गोड़धोइया नाले तक निरीक्षण किया और जल निकासी नहीं होने की वजहों को देखा। निरीक्षण के दौरान जलभराव की समस्या से प्रभावित भेड़ियागढ़ के पार्षद अजय यादव, बशारतपुर के राजेश तिवारी, राप्तीनगर के बृजेश सिंह छोटू, शक्तिनगर के आलोक सिंह विशेन एवं चरगांवा के संतराज शर्मा ने बताया कि कॉलोनियों की नालियों से पानी ही नहीं निकल पा रहा है। मेडिकल कॉलेज रोड के नाले से कई स्थानों पर पानी की निकासी नहीं हो रही है।

गोड़धोइया नाले से पानी बैक फ्लो होने का दावा फेल

निरीक्षण के दौरान डीएम गोड़धोइया नाले के पास भी पहुंचे। उन्होंने उसका भी निरीक्षण किया जिसमें पाया गया गया कि नाला दो फीट नीचे है। इसपर डीएम ने कहा कि इस नाले से पानी बैक फ्लो हो ही नहीं सकता। ऐसे में आखिरी मेडिकल रोड नाले से पानी क्यों नहीं निकल रहा? बता दें कि लोनिवि के अभियंताओं का कहना था कि गोड़धोइया नाले का पानी बैक फ्लो होने से मेडिकल रोड नाले से पानी नहीं निकल रहा।

मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन से भी जलनिकासी के दिए निर्देश

डीएम ने मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन के पास बने नाले से भी जलनिकासी में आ रही दिक्कतों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने जल निगम के सहायक अभियंता राजेश विश्वकर्मा को निर्देश दिया कि वहां भी पंप बढ़ाकर जलनिकासी के प्रबंध किए जाएं। साथ ही जलनिकासी की राह में आ रही समस्याओं का जल्द हल निकाला जाए।

डीएम विजय किरन आनंद ने बताया कि मेडिकल कॉलेज रोड के आसपास की कॉलोनियों से जलभराव की समस्या जल्द ही खत्म हो जाएगा। स्थायी समाधान के तौर पर अंतिम छोर तक पानी निकालने के लिए लोक निर्माण विभाग को तीन दिन के भीतर कार्ययोजना सौंपने का निर्देश दिया है। तब तक पंप बढ़ाकर पानी निकालने को कहा गया है। मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया फोरलेन नाले से भी जलनिकासी की समस्या जल्द दूर हो जाएगी।