मुख्य बाजार में खेलने की नहीं मिली अनुमति, मिठाई बांटकर मनाया खेल दिवस

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर गांधी पार्क में एकत्रित होकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद की जयंती पर उन्हें याद किया गया और मिठाई बांटी गई। सम्मान भारत रत्न देने की मांग की। रानीखेत में खेल मैदान की कमी को महसूस करते हुए इस बावत शासन-प्रशासन से कार्रवाई तेज करने का आग्रह किया गया। कहा कि खेल संघ आज खेल मैदान की कमी को लेकर सड़क पर खेल कर सरकार को संदेश देना चाहते थे लेकिन प्रशासन की लिखित अनुमति न मिलने के कारण कार्यक्रम नहीं हो पाया। कार्यक्रम में एनआईएस मनोज मेहरा की माता देवकी देवी के निधन पर भी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

रानीखेत के पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि आजादी के 75 सालों बाद भी अदद खेल मैदान उपलब्ध नहीं हो सका है। देश के खिलाड़ी विदेशों में नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन रानीखेत के खिलाड़ियों को मैदान के अभाव में उचित मंच नहीं मिल पा रहा है। हम लोग आज भी आजाद नहीं हैं।

हमारी कई पीढ़ियां खेल मैदान की मांग करते करते बूढ़ी हो गई। मेजर ध्यान चंद को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि तभी होगी जब बच्चों के लिए खेलने के लिए मैदान होगा। – हिमांशु उपाध्याय, पूर्व खिलाड़ी रानीखेत।

जब सामान्य स्कूलों के बच्चों के लिए मैदान का अभाव रहता है और आर्मी और केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों के लिए सेना के मैदान उपलब्ध हो जाते हैं। सेना से विशेष आग्रह है कि एनसीसी मैदान को तो कम से कम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराए। वर्तमान सरकार को रानीखेत में भी खेल मैदान या स्टेडियम बनाना चाहिए