एम्स ऋषिकेश में बढ़ रहा हिंदी का मान, संस्थान की गतिविधियों में मिलती है प्राथमिकता

एम्स ऋषिकेश में बढ़ रहा हिंदी का मान, संस्थान की गतिविधियों में मिलती है प्राथमिकता

विश्वस्तरीय चिकित्सक भी मरीजों के साथ बातचीत के दौरान हिंदी भाषा का ही अधिक प्रयोग करते। यहां तक आम बोलचाल में भी हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।

एम्स के हिंदी सेवी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भी राजभाषा को बढ़ावा देने के प्रबल पक्षधर हैं। हिंदी सेवियों के प्रयासों से मातृभाषा के मान सम्मान में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। 

वे हिंदी को सबसे सहज भाषा मानते हैं। प्रोफेसर रविकांत संस्थान के चिकित्सकों और कर्मचारियों से हिंदी में ही बात करते हैं। वहीं यह भी ध्यान रखते है संस्थान में सभी जानकारी और सूचना से जुड़े पट्ट हिंदी में लिखे हो चिकित्सा विज्ञान में हिंदी बढ़ावा देने की हिमायत करते हैं

एम्स संस्थान अपने शोध कार्यों और उपलब्धियों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषा माध्यमों में साझा करता है।