उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने जाति आधारित जनगणना की मांग करने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। विधायक ने मंगलवार को कहा कि ऐसे तो मुख्यमंत्री सामाजिक न्याय की बात करते हैं, लेकिन अब खुद जाति की राजनीति करने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए समाज को तोड़ने की साजिश रच रही हैं।
बैरिया विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार के अलावा विपक्षी पार्टियाें के जो भी लोग पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिलाना चाहते हैं, उनको और अन्य संपन्न लोगों को खुद को आरक्षण कोटे से बाहर रहने की घोषणा करनी चाहिए। जिस जाति के लोग सुपर विकसित हो चुके है, वे कम से कम घोषणा करें कि उनके स्थान पर अन्य गरीबों को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।
पिछड़ी और अनुसूचित जाति के सबसे बड़े दुश्मन उसी जाति के साधन संपन्न लोग हैं। कहा कि जिस तरह गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, ठीक उसी तरह पिछड़ी व अनुसूचित जाति में भी एक लाइन बनाकर आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए, नहीं तो खुरपी, ठेला, रिक्शा चलाने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा।
भाजपा विधायक ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए समाज तोड़ने की साजिश रच रही हैं। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में राज्य की 10 पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता जताई थी।