एसटीएच के अंदर बने मेडिकल स्टोर के टेंडर में खेल,पढ़िए पूरी खबर

एसटीएच के भीतर बने मेडिकल स्टोर के टेंडर में खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश होने के आरोप लग रहे हैं। इसका विरोध भी शुरू हो गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। एसटीएच के मेडिकल स्टोर के टेंडर को लेकर नई शर्तें लगा दी गई हैं। आरोप है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर में पांच करोड़ से अधिक का टर्नओवर प्रतिवर्ष मांगा गया है। साथ ही सरकारी, अर्द्ध सरकारी या मेडिकल कॉलेज का पांच वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जैसी शर्त भी लगाई गई है। टेंडर की शर्तों को लेकर दवा विक्रेता विरोध कर रहे हैं।

प्राचार्य के समक्ष एक दवा विक्रेता रवि गुप्ता ने टेंडर को लेकर सवाल खड़े करते हुए लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है। टेंडर के लिए 5 करोड़ 70 लाख रुपये हैसियत का प्रमाण पत्र भी मांगा गया है। दवा विक्रेता गुप्ता का कहना है कि निविदा की शर्त पूरी करने के बाद हैसियत प्रमाण पत्र का कोई औचित्य नहीं है। टेंडर 26 अगस्त को खुलेगा। पिछली निविदाओं में कार्यक्षेत्र का पांच वर्ष का अनुभव मांगा गया था। इस बार सरकारी,  अर्द्ध सरकारी चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज से पांच वर्ष का कार्य अनुभव प्रमाण पत्र लाने को कहा गया है। ऐसी शर्तों से स्थानीय फुटकर या थोक विक्रेताओं को लाभ नहीं मिल पाएगा।

मेडिकल स्टोर के टेंडर को लेकर आपत्ति आई है। इसका अध्य्यन किया जा रहा है। जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वह की जाएगी। हमारी कोशिश है कि टेंडर से मरीजों को को अधिक से अधिक फायदा हो।