पटना। तेज प्रताप यादव के बागी तेवर और क्रियाकलाप राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ-साथ लालू प्रसाद यादव व परिवार के लिए भी बड़ी चुनौती बन गए हैं। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र की गतिविधियां न राजद को रास आ रही हैं और न ही महागठबंधन को। परिवार भी हैरान है। महीने भर से तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई न करने की लाचारी भी साफ-साफ दिख रही है। राजद के बागी सवाल भी उठा रहे हैं कि पार्टी में दोहरा मापदंड क्यों है? अब पार्टी ने तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
फातमी ने उठाए तेज प्रताप पर सवाल
राजद से बगावत करके मधुबनी से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने पूछा है कि जिस जुर्म में अन्य नेताओं पर कार्रवाई कर दी जा रही है, उसी जुर्म में तेज प्रताप पर अबतक मेहरबानी क्यों है?
पार्टी में अनुशासन समिति का गठन शीघ्र
फातमी के सवाल से कार्यकर्ता भी सहमत हैं। उन्हें राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के बयान से तसल्ली मिली होगी कि यह मामला लालू प्रसाद यादव के संज्ञान में है। जल्द ही पार्टी में अनुशासन समिति का गठन हो सकता है। तेज प्रताप के बागी तेवर पर अंकुश लगे न लगे, किंतु शिवानंद के बयान से कार्यकर्ताओं के बीच सकारात्मक उम्मीद जरूर जगी होगी।
तलाक की अर्जी दाखिल कर परिवार से बनाई दूरी
पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने की अर्जी दाखिल करने के वक्त से तेज प्रताप का अपने परिवार से वैचारिक संबंधों में अलगाव दिख रहा है। पिछले पांच महीने से मथुरा-वृंदावन की कई परिक्रमा कर चुके तेज प्रताप ने अपनी मां राबड़ी देवी के सरकारी आवास से दूरी बना रखी है, जबकि ऐश्वर्या राय अभी भी लालू परिवार के साथ ससुराल में ही रह रहीं हैं।
टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में किया आरपार
उधर, लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में हिस्सेदारी के मुद्दे पर तेज प्रताप ने तो आरपार कर लिया है। शिवहर और जहानाबाद सीट से वे अपनी पसंद का प्रत्याशी चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने अपने तरीके से परिवार पर दबाव बनाया। भाई तेजस्वी यादव से भी बात की। कामयाब नहीं हुए तो बगावत का शंख फूंक दिया।
लालू-राबड़ी मोर्चा बना उतार दिए अपने प्रत्याशी
तेज प्रताप यादव ने लालू-राबड़ी के नाम पर राजद से अलग मोर्चा (लालू-राबड़ी मोर्चा) बनाकर शिवहर से अंगेश सिंह का निर्दलीय नामांकन करा दिया। अब वे राजद के अधिकृत प्रत्याशी सैयद फैसल अली के खिलाफ और अपनी पसंद के निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में जनसभाएं और रोड शो करने में जुटे हैं। इतना ही नहीं, तेज प्रताप ने राजद के अधिकृत प्रत्याशी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एजेंट करार दिया है और अंगेश को असली प्रत्याशी बता रहे हैं। तेज प्रकाश जहानाबाद से अपने प्रत्याशी चंद्रप्रकाश के लिए भी ऐसा ही करने का इरादा जता चुके हैं।
बड़ा सवाल: अब आगे क्या?
सवाल यह है कि अब आगे क्या? पार्टी और परिवार के सामने तेज प्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई की मजबूरी है। अब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि इस मामले पर विचार के लिए पार्टी अनुशासन समिति का गठन कर सकती है।