लोकसभा चुनाव- में भाजपा की जुमलेबाजी व चौकीदारी की नाटकबाजी भी उन्हें नहीं बचा पाएगी। गलत नीतियों व अपनी कार्यप्रणालियों की वजह से इस बार पार्टी सत्ता से बाहर चली जाएगी। चुनाव में सभी छोटे-बड़े चौकीदार भी मिलकर अपनी कितनी भी ताकत क्यों ने लगा लें, सफलता हाथ लगने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, कर्मचारियों, किसानों, दलितों, आदिवासियों, व अल्पसंख्यक समाज के लोगों को अच्छे दिन दिखाने के चुनावी वायदे किए थे। लेकिन वे जमीन पर हकीकत में एक तिहाई भी काम पूरा नहीं कर सके हैं। ये बातें बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को शहर के वीएम फील्ड में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास जुमलेबाजी बन कर रह गई। देश की सीमाएं अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। जिससे आए दिन आतंकवादी हमले होते रहते हैं। देश के किसान आज भी समस्याओं से जूझ रहे हैं। भाजपा की सरकार पूंजीपतियों को मालामाल करने में जुटी रही। इन्हें बचाने के लिए चौकीदारी भी करती रही।
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि नोटबंदी व बिना तैयारी के जीएसटी लागू करने से गरीबी व बेरोजगारी बढ़ी है। कहा कांग्रेस व भाजपा हवा-हवाई घोषणा पत्र जारी कर जनता को प्रलोभन दे रही है। कहा कि पूरे देश में अभी भी दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों के लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण अधूरा पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार केन्द्र के खजाने व गरीबों के रुपए को प्रचार-प्रसार में पानी की तरह बहा रही है।
मायावती ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों की राजधानी आगरा में दलित विरोधी मानसिकता से ग्रस्त जातिवादी ताकतों के दबाव में उन्हें जाने से रोका गया। उन्होंने कहा कि पूर्व में केन्द्र की कांग्रेस सरकार की तरह ही भाजपा की सरकार ने भी अपनी कमियों व विफलताओं पर अपने विरोधियों का मुंह बंद रखने के लिए एक सोची समझी साजिश के तहत ही उनके विरूद्ध जबरन सीबीआई व ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया है। पूर्व में रही केन्द्र में कांग्रेस व बीजेपी समेत अन्य पार्टियों की सरकार आम हित में काम करने में विफल साबित हुई है।