नई दिल्ली – PUBG के कई जगहों पर बैन होने के बाद अब Google ने भारत में मद्रास हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए लोकप्रिय वीडियो ऐप TikTok को गूगल प्ले स्टोर से ब्लॉक कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब से कोई भी भारतीय यूजर इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं कर पाएगा। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने Bytedance कंपनी की अर्जी को खारीज कर दिया है। कंपनी ने TikTok ऐप पर से बैन खत्म करने का अनुरोध किया था।
TikTok बच्चों पर डाल रहा गलत प्रभाव: कोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने क्रेंद को 3 अप्रैल को कहा था कि वो TikTok पर बैन लगाए। TikTok पर मुख्य आरोप यह लगाया गया है कि यह ऐप एडल्ट कंटेंट परोस रही है। इससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। इसे लेकर एक व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर की थी। खबरों के मुताबिक, इसके लिए केंद्र ने Apple और Google को पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि वो उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करें। इस पत्र में TikTok पर बैन लगाने को कहा गया था। इस आदेश के बाद अब Google ने TikTok को अपने प्ले स्टोर से बैन कर दिया है। Google का कहना है कि वो इस ऐप पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है। लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार इस ऐप को बैन कर रहा है।
TikTok चीन की कंपनी Bytedance के स्वामित्व में आती है। इस पर यूजर्स शॉर्ट वीडियोज बनाकर डालते हैं। इसमे गानें, डायलॉग या कॉमेडी सीन इत्यादि वीडियो बनाए जाते हैं। यह ऐप भारत में काफी लोकप्रिय हो चुकी है। फरवरी महीने में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अब तक 240 मिलियन लोगों ने इस ऐप को डाउनलोड किया है।
TikTok ने बंद किए कुछ यूजर्स के अकाउंट:
कुछ समय पहले कंपनी ने कुछ यूजर्स के अकाउंट को बंद कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ TikTok यूजर्स ने दावा किया था कि उनके अकाउंट को बंद कर दिया गया है। वहीं, कुछ यूजर्स ने बताया है कि उनके कुछ वीडियोज को डिलीट किया गया है। यूजर्स का कहना है कि ये वीडियोज या अकाउंट्स बिना जानकारी के डिलीट किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि TikTok ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किए हैं। इसके तहत 13 वर्ष से कम आयु के यूजर्स के अकाउंट बंद किए जाएंगे। इसी के चलते ऐप यूजर्स से उनके उम्र की जानकारी भी ले रहा है।
TikTok ने बताया है कि यह फैसला FTC सेटलमेंट एग्रीमेंट के तहत लिया गया है। यानी अगर 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे TikTok पर अकाउंट बनाते हैं तो इसके लिए उनके पैरेंट्स को परमीशन देनी होगी। यह पॉलिसी अभी अमेरिका में लागू की गई है, लेकिन इसे जल्द ही भारत में भी लागू किया जा सकता है।