वाराणसी रंगभरी एकादशी के दिन बाबा संग भक्त खेलेंगे होली, वीर शहीदों को समर्पित होगी शिवांजली

वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ बाबा के दरबार में होने वाली रंगभरी एकादशी 17 तारीख को होगी। इस बार शिवांजलि (भजन कीर्तन का आयोजन) देश के वीर शहीदों और सेना को समर्पित होगी। साथ ही इस बार बाबा के दरबार में चढ़ाया गया अबीर-गुलाल सरहद पर जवानों को भी भेजा जाएगा। महंत कुलपति तिवारी ने बताया 354 सालों से लगातार साल में एक दिन बाबा और मां की रजत प्रतिमा पालकी पर निकलती है और लाखों भक़्त बाबा संग होली खेलते हैं।

इस बार बाबा गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल काशी के कारीगर ग्यासुद्दीन के द्वारा बनाई गयी पगड़ी के साथ राजस्थानी पगड़ी भी पहनेंगे। उन्होंने बताया कि बाबा को अर्पित करने के लिए गुलाल इस बार मथुरा से मंगाया जा रहा है। पांच कुंतल फूल पत्तों से बने हर्बल गुलाल को भक्तों लिए रखा गया है। विशेष तौर पर 108 डमरुओं की गूंज के साथ बाब और मां की पालकी निकलती है। यह पालकी महंत कुलपति तिवारी के आवास से निकलेगी और गर्भ गृह में जाकर विराजमान होगी। इस दौरान गलियों में जहां से भी प्रतिमा गुजरेगी लोग छतों ,बरामदों से गुलाल उड़ाएंगे।

महंत कुलपति तिवारी ने बताया ग्यासुद्दीन के पूर्वज बाबा की पगड़ी बनाया करते हैं। आज भी परंपरा का निर्वहन करते हुए बिना पैसा लिए वो पगड़ी बनाते हैं। विशेष सिल्क वस्त्र पर नक्कासी दार कढ़ाई होती है। खास बात यह है कि भारत रत्न बिसमिल्लाह खान जब तक जीवित थे,वो खुद अपना शहनाई से अपनी प्रस्तुती देते थे।