मुजफ्फरपुर- जिले में नकली व मिलावटी खोआ, पनीर, छेना बेच कर लोगों की सेहत से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। खासकर शहर में खुलेआम बिक्री होती है। अभी होली को लेकर मांग बढ़ने पर लखनऊ व कानपुर जैसी जगहों से भी इनकी आवक हो रही है। साथ ही जवाहरलाल रोड, पीएन रॉय गली, पुरानी बाजार समेत अन्य प्रमुख बाजारों में व चौराहों पर सड़क किनारे सजाकर बेचा जाने लगा है।
ऐसा नहीं है कि यह प्रशासन की नजर में नहीं है। हर वर्ष इसके खिलाफ अभियान चलता है। कई पकड़े भी जाते हैं। लेकिन, कार्रवाई आज तक किसी पर नहीं हुई। पिछले 5 वर्षों में 119 दुकानों में छापेमारी हुई। उनमें 44 दुकानों में मिलावट की पुष्टि भी हुई। लेकिन, उनमें से किसी दुकानदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे कारोबारियों का मनोबल बढ़ता गया और मिलावट का यह खेल बेरोकटोक जारी है।
बता दें कि हर महत्वपूर्ण त्योहारों के कुछ दिन पहले से मिलावट कर खोआ, पनीर, छेना, बुंदिया, विभिन्न मिठाइयां, घी बनाने वाले गिरोह ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। इनके साथ-साथ तेल, मसाले व अन्य नकली सामग्री से बाजार पट जाता है। होली में तो मिलावटी रंग-गुलाल का धंधा भी जोर-शोर से होने लगता है। इस वर्ष भी ये सारी चीजें कुछ कम कीमत का लालच देकर बेची जाने लगी हैं।
बताया जाता है कि लखनऊ, कानपुर आदि जगहों से मंगाए गए ये नकली सामान मुजफ्फरपुर से मोतिहारी, बेतिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर समेत नेपाल तक भेजा जाता है। कारोबारी मुख्य सड़क से न भेज कर गांव की सड़कों से रात में नकली पनीर-खोआ व अन्य समान छोटे कारोबारियों तक पहुंचाते हैं। सूत्रों के अनुसार बड़ी मात्रा में इन सामान की खेप मंगवा ली गई है।
ऐसे तैयार किया जाता है मिलावटी खोआ
एक कारोबारी ने बताया कि स्किम्ड दूध और पाम ऑयल को मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है। तेज आंच पर उसे उबाला जाता है। फिर सैफोलाइट नामक केमिकल, उबले आलू, अरारोट, शकरकंद मिलाकर तैयार किया जाता है। असली दिखने के लिए रंग और एसेंस का इस्तेमाल किया जाता है।
आजीवन कारावास तक की सजा का है प्रावधान
इसे 3 भागों मिस ब्रांड, सबस्टैंडर्ड व अनसेफ में बांटकर जांच होती है। लेबोेेरेटरी में मिलावट पाए जाने पर 3 से 5 लाख तक जुर्माने का प्रावधान है। अनसेफ वाले मामले में 6 माह से आजीवन कारावास तक हो सकता है। सुनवाई के दौरान आरोपित दुकानदार की आपत्ति पर दोबारा सैंपल केंद्र सरकार के मैसूर स्थित लैब में भेजा जाता है। दुबारा जांच में मिलावट पाए जाने पर कार्रवाई होती है। लेकिन, पूरी प्रक्रिया को अपनाए बगैर संभवत: फाइल बंद कर दी जाती है।
मिलावटी पनीर-खोआ खाने से हो सकता कैंसर
मिलावटी खोआ व पनीर से पेट दर्द, डायरिया, मरोड़, एसिडिटी और इनडाइजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा मात्रा में सेवन से तो इंटरनल ऑर्गन्स तक भी बुरा असर पड़ता है। वरीय चिकित्सक डॉ. नवीन कुमार बताते हैं कि मिलावटी पनीर व खोआ खाने से किडनी व लीवर सीधे प्रभावित होते हैं। तीन माह तक यदि मिलावटी पनीर, खोआ या ऐसे अन्य कोई भी सामान खाया जाए तो लीवर कैंसर की बीमारी हो सकती है।
खरीदारी में बरतें सावधानी, परख कर लें सामान
मिलावट का ये धंधा इसलिए भी परवान पर है कि थोड़ी कम कीमत की लालच में लोग जहां-तहां से खरीद लेते हैं। खरीदारी में दुकान व ब्रांड का चयन जरूरी है। साथ ही जिसमें पहचान संभव है, उसमें परख के बाद ही खरीदारी करें। यहां हम पनीर व खोआ की पहचान बता रहे हैं। इनके जरिए आसानी से नकली व असली की पहचान हो सकती है।
मिलावट रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी की जाती है। सैंपल लेकर पहले जांच के लिए भेजे जाते हैं। मिलावट या सब स्टैंडर्ड पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई के लिए संबंधित कोर्ट को भेजा जाता है। जांच के लिए डीएम व सीएस स्तर से टीम गठित होती है। वैसे रुटीन वर्क में दुकानों से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। -सुदामा चौधरी, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
पनीर और खोआ की शुद्धता की इस तरह से करें पहचान
- असली व नकली पनीर-खोआ की जांच इसलिए भी जरूरी है कि आप इस गलतफहमी में न रहें कि कोई हेल्दी चीज खा रहे हैं। जबकि, थोड़ी सी सावधानी से इनकी शुद्धता की जांच स्वयं व मौके पर ही कर सकते हैं।
- छोटा-सा टुकड़ा हाथ पर मसलें। टूट कर यदि वह बिखरने लगे तो समझ लीजिए कि पनीर अथवा खोआ मिलावटी है। क्योंकि, उनमें जो केमिकल्स होते हैं वे अत्यधिक दबाव नहीं सह पाते हैं।
- यदि इन्हें घर ले आए हों तो थोड़े पानी में उबाल लें और ठंडा होने दें। फिर उसके छोटे से टुकड़े पर आयोडीन का टिंचर डालें। अगर रंग नीला पड़ने लगे तो समझिए कि वह मिलावटी है।
- असली खोआ को पहचानने का आसान तरीका यह भी है कि वह चिपचिपा नहीं होता है। इसके साथ ही उसे चख कर भी देखें। यदि उसका स्वाद कसैला लगे तो वह नकली हो सकता है।
- खोआ की तो अंगूठे के नाखून पर रगड़ कर भी पहचान की जा सकती है। असली खोआ से घी की खुशबू आएगी और वह देर तक रहेगी।