अमृतसर. गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर तैयार करने के लिए गुरुवार को अटारी में भारत और पाकिस्तान के बीच पहली सचिव स्तरीय बैठक हुई। इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि कॉरिडोर के एग्रीमेंट में शामिल विभिन्न मुद्दों पर दोनों देश मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। बैठक में कॉरिडोर तकनीकी पहलू पर भी चर्चा हुई। दूसरी बैठक 2 अप्रैल को वाघा में होगी।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर शुरू करने के समझौते के लिए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम अमृतसर पहुंचा। अमृतसर के राजा सांसी हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त हैदर शाह ने इस फैसले को पाकिस्तान की पहल बताया। उन्होंने कहा कि हम करतारपुर गलियारा खोलना चाहते हैं, ताकि सिख समुदाय के लोगों को पाकिस्तान आने का मौका मिल सके। पिछले महीने पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के कारण दोनों पक्षों के बीच बढ़े तनाव के बाद यह पहली बैठक हुई।
करतारपुर कॉरिडोर पर पहली बैठक
कॉरिडोर डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के करतारपुर के बीच बनना है। नवंबर में भारत और पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर के अपने-अपने क्षेत्र में निर्माण की आधारशिला रखी थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल (महानिदेशक दक्षिण एशिया और सार्क) ने भारतीय उच्चायुक्त से इस कॉरिडोर पर अगली चर्चा के लिए भारतीय दल को 28 मार्च को पाकिस्तान भेजने का आग्रह भी किया था।
पाकिस्तान ने कहा- वीसा मुक्त यात्रा की सुविधा देना उद्देश्य
इस मसले पर दोनों देशों की बैठक से पहले पाकिस्तान ने भारत को 59 पेज का एक दस्तावेज भेजा। इसमें उसकी ओर से 14 सिफारिशें की गईं हैं। पाकिस्तान ने कहा है कि गलियारे का मुख्य उद्देश्य करतारपुर में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए वीसा मुक्त यात्रा की सुविधा देना है। इसके लिए दोनों पक्षों (भारत व पाक) को सक्रिय होना चाहिए। अगर भारत इन सिफारिशों पर राजी हो जाता है तो यह समझौता लागू हो जाएगा।
इन 6 शर्तों के तहत इजाजत
- ग्रुप में कम से कम 15 श्रद्धालु हों।
- वैध पासपोर्ट, प्रासंगिक सुरक्षा निकासी दस्तावेज रखने होंगे।
- भारत को तीर्थयात्रियों के आने की सूचना तीन दिन पहले देनी होगी।
- परमिट सिर्फ करतारपुर की यात्रा के लिए जारी किया जाएगा।
- एक दिन में 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को परमिट नहीं।
- गलियारा सुबह 8 से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।