तिंवरी. मांडियाई गांव के खेतों में बुधवार सुबह ऑस्ट्रेलियन पक्षी एमू मिला। रेलवे कर्मचारी रेंवतराम चौधरी रेल पटरियों पर ड्यूटी कर रहे थे। रिनिया की तरफ जाते खेत की मेढ़ पर एमू खड़ा था। ग्रामीणों ने उसे रोटियां खिलाई और पानी पिलाया।
पक्षी को गोडावण समझकर वन्यजीवों के डॉक्टर श्रवणसिंह राठौड़ को जानकारी दी। पक्षी का फोटो भी भेजा। तब डॉक्टर राठौड़ ने बताया कि यह ऑस्ट्रेलियन पक्षी है। कुछ किसान इसे पालते भी हैं। यहां कहां से और कैसे आया, इस बात की जानकारी अभी नहीं मिल पाई। यह पक्षी उड़ नहीं पाता। बाद में ओसियां वन विभाग से वनकर्मी पहुंचे। क्षेत्रीय वन अधिकारी कालूराम मेघवाल ने बताया कि इसे जोधपुर स्थित माचिया सफारी पार्क स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजेंगे।
वन्य जीव चिकित्सक डॉ. श्रवणसिंह राठौड़ ने बताया कि पंख नहीं होने के कारण यह पक्षी कभी उड़ नहीं सकता। इसका वजन औसतन 40 से 60 किलो होता है। लंबाई करीब 7 फीट होती है। यह करीब 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है। आयु करीब 30 से 35 वर्ष की होती है।
यह शाकाहारी पक्षी है और इसे पोल्ट्री फार्म की तरह व्यवसायिक रूप से पाला जाता है। इसके अंडे बाजार में बिकते हैं। कुछ समय पहले बाड़मेर में इसका व्यावसायिक फार्म था। हो सकता है वहीं से आया हो। 2014 में भोपालगढ़ और 2015 में नागौर से एक-एक एमू रेस्क्यू किया गया था। इस समय मचिया में 8 एमू हैं।