कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तूफानी दौरे पर हैं। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बाद कानपुर और फिर गाजियाबाद में प्रदेश को करोड़ों का तोहफा देने के बाद कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे।
पूरब के मैनचेस्टर के रूप में विख्यात कानपुर में आज प्रधानमंत्री दोपहर में करीब 1:30 बजे चकेरी एयरपोर्ट आएंगे। इसके बाद हेलीकॉप्टर से रेलवे मैदान, निराला पहुंचेंगे। यहां लखनऊ मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लोकार्पण के साथ ही आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, पनकी पावर प्लांट सहित अन्य प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे। यहां पर वह प्रधानमंत्री आवास योजना के पांच लाभार्थियों को आवास की चाबियां सौंपेंगे। इसके बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा ने इस रैली के लिए पांच लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही कार्यक्रम से जुड़ा एक कुर्सी का किस्सा भी चल पड़ा है। प्रधानमंत्री 2013 की जनसभा में जिस कुर्सी पर बैठे थे, उसी पर बैठने का आग्रह पत्र उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने प्रधानमंत्री को लिखा है। एसपीजी इस प्रस्ताव को पहले ही खारिज कर चुकी है।
चर्चा में लकी कुर्सी
भाजपा ने नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज कानपुर में ‘लकी चेयर’ पर फिर से बैठाने की तैयारी की थी। इन सभी का मानना है कि नरेंद्र मोदी जब-जब भी इस कुर्सी पर बैठते हैं तो पार्टी को यूपी ही नहीं केंद्र में भारी जीत मिलती है। पांच साल से भी अधिक समय से कांच के बक्से में रखी एक लकड़ी की कुर्सी फिर से चर्चा में है। भारतीय जनता पार्टी कानपुर के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पहली चुनावी विजय शंखनाद रैली 19 अक्टूबर 2013 को इंदिरा नगर मैदान में की थी तब इस कुर्सी पर वह पहली बार बैठे थे।
मैथानी ने बताया कि अप्रैल 2014 में कोयला नगर में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम की रैली एक बार फिर कानपुर के कोयला नगर मैदान में हुई तो फिर मोदी इसी कुर्सी पर बैठे। इसके बाद वह देश के प्रधानमंत्री बन गए। इसके बाद सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने निराला नगर मैदान में एक चुनावी सभा की थी जिसमें एक बार फिर वह इसी कुर्सी पर बैठे थे और 2017 में उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनी थी।
कांग्रेसियों ने विरोध में दिया ज्ञापन, आज जनसभा में पहुंचने का ऐलान
शहर कांग्रेस कमेटी ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री की जनसभा के विरोध में ज्ञापन एसीएम को सौंपा। ज्ञापन की भाषा ऐसी थी, जिसमें शहर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री प्रधानमंत्री पद की गरिमा ही भूल गए। इसके अलावा कांग्रेस ने कल एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन के लिए कार्यक्रम स्थल पहुंचने की भी हुंकार भरी है।