लोकसभा चुनाव : अधिसूचना से पहले ही मोदी-शाह ने पुख्ता की भाजपा की जमीन

लखनऊ- लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हैं। यहां पर सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस ने समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं लेकिन, भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को गति दे दी है।

उत्तर प्रदेश में अधिसूचना जारी होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विकास योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण तथा रैलियों के जरिये भाजपा की जमीन पुख्ता कर दी है। साथ ही दोनों नेता सपा-बसपा और कांग्रेस पर जमकर हमलावर भी रहे हैं।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सभी छह क्षेत्रों में बूथ सम्मेलन कर लाखों बूथ अध्यक्षों से अपना बूथ जीतने का मंत्र दे चुके हैं। शाह पार्टी के नए कार्यालयों के लोकार्पण के साथ ही प्रयागराज के कुंभ, गोरखपुर के किसान सम्मेलन समेत अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल हुए और भाजपा की चुनावी भूमिका तैयार कर दी है।

लोकसभा चुनाव के लिए 11 मार्च तक अधिसूचना जारी होने की उम्मीद है। इसके पहले मोदी ने विकासपरक योजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के साथ ही रैलियों को संबोधित किया है। मोदी शुक्रवार को कानपुर, वाराणसी और गाजियाबाद में विकास योजनाओं के साथ ही रैलियों को भी संबोधित करेंगे। इन कार्यक्रमों से पहले मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में जाकर गांधी-नेहरू परिवार पर जमकर हमला किये। मोदी ने 2014 में राहुल गांधी की प्रतिद्वंद्वी रहीं स्मृति ईरानी के पक्ष में न केवल माहौल बनाया बल्कि आसपास के रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी जैसे क्षेत्रों की भी जमीन मजबूत की।

प्रधानमंत्री ने 24 फरवरी को गोरखपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत कर अन्नदाता से मजबूत रिश्ता बनाया। इसके पहले पुलवामा हमले के ठीक अगले दिन 15 फरवरी को वह झांसी में थे। नरेंद्र मोदी ने झांसी में भरोसा दिया था कि सेना को अपने ढंग से कार्रवाई की छूट दी गई है और इसका असर भी देखने को मिला। यहां पर सर्जिकल स्ट्राइक-टू और विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की वापसी के बाद मोदी के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि मोदी की कथनी-करनी में कोई अंतर नहीं है। वह एक सांसद के रूप में काशी के प्रति समर्पित हैं तो उत्तर प्रदेश से उनका विशेष लगाव है। डॉ. पाण्डेय ने कुंभ में मोदी की दो बार की यात्रा का भी स्मरण दिलाया। उन्होंने कहा कि यह उनकी जड़ों से जुड़े होने का दस्तावेज है। विकास को जो आयाम मोदी ने दिया है वह आजादी के बाद अब तक नहीं मिला। इसी कारण अब हर लोग कहने लगे हैं कि नामुमकिन को मुमकिन करने का नाम मोदी है।