प्रधानमंत्री जनधन योजना -के अंतर्गत खुलवाए गए तीन हजार खाते बंद हो गए हैं। एक बार भी लेनदेन नहीं होने के चलते बैंकों ने इन खातों को डॉरमेंट यानि निष्क्रिय घोषित कर दिया है। कुछ बैंकों ने ऐसे खाताधारकों को बैंक में बुलाकर उन्हें दोबारा चालू कराने की कवायद भी शुरू की है।
28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत जीरो बैलेंस पर एक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति का खाता बैंक में खोलने का प्रावधान किया गया। योजना के शुरू होते ही वजीरगंज के बैंकों में खाता खुलवाने को मारामारी मच गई। पहले दो साल में बीस हजार से ज्यादा खाते जनधन योजना के अंतर्गत खोले गए। अब तक, चालीस हजार खाते इस योजना के अंतर्गत वजीरगंज विकास खंड के बैंकों में खोले जा चुके हैं। इनमें से तीन हजार खातों में लेनदेन नहीं होने का हवाला देकर बैंकों ने इन्हें डॉरमेंट घोषित कर दिया है।
चार हजार ग्राहकों के रूपे कार्ड बंद:
वजीरगंज में जनधन योजना के करीब दस फीसदी खाताधारकों का रुपे कार्ड एटीएम मशीन से लेनदेन नहीं करने के कारण निष्क्रिय हो गया है। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक बालेश्वरगंज प्रबंधक जैराम सुमन के मुताबिक खाते में छह महीने तक लेनदेन नहीं करने पर यह डॉरमेंट हो जाता है, जबकि रुपे कार्ड के जरिये नौ महीने तक लेनदेन नहीं करने पर यह बंद हो जाता है।
जीरो बैलेंस से संजीदा नहीं खाताधारक:
वजीरगंज स्टेट बैंक प्रबंधक सुहेल अहमद ने बताया कि खाते में एक भी रुपया जमा नहीं होने के चलते तमाम लोगों ने इसे लेकर संजीदगी नहीं दिखाई। तीन हजार खाताधारकों ने तो एक बार भी लेनदेन नहीं किया। जिसके चलते उनके खाते डॉरमेंट कर दिए गए हैं।
पचीस हजार खाताधारक कर रहे इक्का दुक्का लेनदेन:
जनधन योजना के अंतर्गत खुले 80 फीसदी से ज्यादा खातों में नाममात्र का ही लेनदेन हो रहा है। करीब सत्रह हजार खाताधारक ऐसे हैं जो खाता बंद होने से बचाने के लिए छह महीने में सिर्फ एक बार ही लेनदेन कर रहे हैं। पंद्रह फीसदी खाताधारक ऐसे हैं जिन्होंने अपने खाते में अच्छी रकम जमा कराई है और नियमित रूप से लेनदेन कर रहे हैं। जनधन योजना के अंतर्गत वजीरगंज में अब तक करीब तीस लाख रुपये की धनराशि जमा की जा चुकी है।