पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों घेरे में फंसते नजर आ रहे हैं। मामला उनके रेल मंत्री रहते राजस्थान में 276 लोगों के बिना परीक्षा और इंटरव्यू के रेलवे में भर्ती का है। इनमें अकेले बिहार से 111 लोगों की नियुक्ति की गई थी। सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि सीबीआइ लालू प्रसाद यादव से भी पूछताछ कर सकती है।
सीबीआइ ने मांगा नियुक्तियों का पूरा ब्योरा
सीबीआइ ने उत्तर-पश्चिम रेलवे से इन 276 कर्मचारियों का पूरा ब्योरा मांगा है। खास बात यह है कि नियुक्त 276 कर्मचारियों में से 111 लोग बिहार के हैं। इस लिस्ट में सर्वाधिक राजस्थान के 116, उत्तर प्रदेश के 16, दिल्ली के 11, हरियाणा के 9 तथा अन्य राज्यों के 13 लोग शामिल हैं। उक्त कर्मचारियों की नियुक्ति जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और अजमेर मंडलों में की गई थी।
लालू के रेल मंत्री रहते की गईं थीं नियुक्तियां
2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव भारत के रेल मंत्री थे। ये नियुक्तियों उसी दौरान की गईं थीं। हाल ही में लालू यादव के कार्यकाल में हुई इन नियुक्तियों को लेकर शिकायत की गई थी। इसके आधार पर सीबीआइ ने जांच शुरू की है। उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन की कार्मिक अधिकारी डॉ. हिना अरोड़ा ने संबंघित मंडल रेल प्रबंधकों से उन कर्मचारियों की पूरी जानकारी मांगी है। ये जानकारियां सीबीआइ को दी जानी हैं।
सवालों के घेरे में यह प्रक्रिया
दरअसल, रेलवे महाप्रबंधक को जरूरत के अनुसार नियुक्तियां करने का अधिकार होता है। ये नियुक्तियां व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरक के तौर पर होती हैं। ऐसे कर्मचारियों को 120 दिनों के नियमित प्रशिक्षण के बाद अस्थायी कर्मचारी, फिर स्क्रीनिंग के बाद बगैर परीक्षा व इंटरव्यू के स्थायी कर्मचारी बना दिया जाता है। यह प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में है।