मेरठ। पुलवामा में रविवार देर रात से जारी एनकाउंटर में मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के बसा टीकरी गांव निवासी सिपाही अजय कुमार भी शहीद हुए हैं। एनकाउंटर में 55 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर समेत चार जवानों ने शहादत पाई है। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। सेना ने यहां जैश के दो आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों में सीआरपीएफ पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड कामरान भी शामिल है। जवान अजय कुमार ने सर्वोच्च बलिदान देकर सीआरपीएफ जवानों की शहादत का बदला ले लिया है।
30 जनवरी को गए थे ड्यूटी पर
26 साल के अजय कुमार सात अप्रैल 2011 को 20 ग्रेनेडियर में नियुक्त हुए थे। कुछ समय पहले ही 55 राष्ट्रीय राइफल्स में जम्मू-कश्मीर में उनकी तैनाती हुई थी। अजय के परिजनों ने बताया कि सुबह उन्हें सैन्य अधिकारियों ने फोन पर उनकी शहादत की सूचना दी। अजय एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे। 30 जनवरी को ही ड्यूटी पर गए थे।
ढाई साल का है बेटा
अजय का एक बेटा आरव है जोकि ढाई साल का है। उनके पिता वीरपाल भी सेना से रिटायर्ड हैं। जवान की शहादत की सूचना मिलते ही पत्नी डिंपल बेसुध हो गई। घर में कोहराम मचा हुआ है। जैसे-जैसे ग्रामीणों को सूचना मिल रही है, वे उनके घर परिजनों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।
जवानों की शहादत का बदला लिया
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले में आतंकी ने 350 किलो विस्फोट से भरी कार घुसा दी थी। इस कायराना हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इनमें उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक 11 जवान शामिल हैं। शामली के दो जवान प्रदीप कुमार और अमित कुमार ने भी अपने प्राणों की आहुति दी थी। माना जा रहा है कि आज सेना ने इन जवानों की शहादत का पहला बदला ले लिया है। पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड कामरान समेत दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। बसा टीकरी के जवान अजय कुमार ने भी सीआरपीएफ जवानों की शहादत का बदला लेते हुए अपनी जान की बाजी लगा दी।