नई दिल्ली, पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और शीतलहर से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है, तो कोहरे ने भी जबरदस्त तरीके से परेशान करना शुरू कर दिया है। सोमवार को देश की राजाधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत में जबरदस्त कोहरा छाया हुआ रहा। वहीं, कई जगह गाड़ियों के अापस में भिड़ने की खबरें आ रही हैं। इस कड़ी में ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे पर घने कोहरे की वजह से करीब एक दर्जन गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इसमें 3 लोग घायल हैं। पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र के बील अकबरपुर टोल प्लाजा के पास का है।
वहीं, रेवाड़ी में पटौदी रोड पर ग्राम चिल्हड़ के निकट कोहरे के कारण कैंटर, पिकअप गाड़ी व कार की आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसे में कैंटर चालक व पिकअप चालक घायल हैं। सभी को उपचार के लिए ट्रामा सेंटर में भेजा गया है। कैंटर चालक की हालत गंभीर बताया जा रही है।
सोमवार सुबह घने कोहरे के चलते कई स्थानों पर विजिबिलिटी में 5 मीटर से भी कम रही। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। चालक वाहन रेंग-रेंग कर चलाने के लिए मजबूर हुए। वहीं, घने कोहरे का असर ट्रेन के साथ के साथ हवाई यातायात पर भी पड़ा। इसे सीजन का सबसे घना कोहरा बताया जा रहा है।
घने कोहरे के चलते सोमवार को जहां दिल्ली आने-जाने वाली 27 ट्रेनें देरी से चल रही हैं, वहीं दिल्ली एयर पोर्ट के आसपास कोहरे के चलते कई फ्लाइट्स ने देरी से उड़ान भरीं, हालांकि किसी फ्लाइट को रद नहीं किया गया है। आलम यह रहा है कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर रनवे पर खड़े विमान भी काफी देर तक उड़ान नहीं भर पाए।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में मौसम ऐसा ही रहेगा।
इससे पहले दिल्ली में रविवार सुबह बादल छाए रहने और घने कोहरे की वजह से ठिठुरन भरी सर्दी रही और यह सिलसिला सोमवार को भी जारी है। उधर, मौसम विभाग ने अभी कुछ दिनों तक कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है।
दिल्ली में प्रदूषण में मामूली कमी
जहां एक ओर दिल्ली-एनसीआर में ठंड और कोहरे में इजाफा हुआ है, लेकिन वायु प्रदूषण में मामूली कमी आई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली के लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 206 तो पीएम-10 का स्तर 216 रहा। यह रविवार से भी कम, जिसे राहत के तौर पर देखा जा रहा है।