सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे प्रयागराज, आरएसएस प्रमुख भागवत से भेंट करने के बाद संतों से मिलेंगे

प्रयागराज। लखनऊ से बाहर कैबिनेट की बैठक कर मंगलवार को इतिहास रचने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज एक बार फिर से प्रयागराज में हैं। आज उन्होंने झूंसी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की। इसके बाद उनका यहां पर संतों से मुलाकात का कार्यक्रम है।

अयोध्या में धर्म संसद से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की यहां पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तथा प्रयागराज कुंभ में एकत्र संतों से भेंट काफी अहम मानी जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से प्रयागराज के झूंसी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने सीधा आरएसएस कार्यालय का रुख किया। जहां पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से करीब 40 मिनट तक वार्ता की। इसके बाद कुंभ क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर गए। जहां पर उनकी भेंट संतों से होनी है।

कुंभ में कैबिनेट की बैठक कर इतिहास रचने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन में दूसरी बार प्रयागराज आए हैं। धर्म संसद से पहले उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात तय थी। इसके साथ ही वह आज यहां शंकराचार्य निश्चलानंद, जूनापीठाधीश्वर अवधेशानंद समेत कुछ प्रमुख संतों से भी मुलाकात करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि मंदिर मुद्दे पर वे सरकार का रुख साफ करने के साथ ही वह संत समाज को भी साधेंगे।

केंद्र सरकार की अयोध्या में अधिग्रहीत 67 एकड़ भूमि वापस मांगने की सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बीच में ही विश्व हिंदू परिषद के तत्वाधान में प्रयागराज महाकुंभ में दो दिनी विराट धर्म संसद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित विख्यात संत-धर्माचार्य शामिल हैं। एक फरवरी को राममंदिर से संबंधित प्रस्ताव धर्म संसद में पेश किया जाएगा। अब राम मंदिर मुद्दे पर यहां संत जो निर्णय लेंगे उसी अनुसार कार्य किया जाएगा।

रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य महंत कमलनयन दास ने कहा कि धर्मसंसद राममंदिर निर्माण की दिशा तय करने वाला होगा। राममंदिर को लेकर संत समाज अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकता। अयोध्या में जल्द राम मंदिर निर्माण शुरू कराने को लेकर अड़ी विश्व हिंदू परिषद को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का समर्थन मिलता दिख रहा है। यहां पहुंचे आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत और विहिप पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद यह तय माना जा रहा है कि विहिप की आज से शुरू हो रही दो दिनी धर्म संसद में ही मंदिर निर्माण की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी। विहिप की इस धर्म संसद पर सरकार के साथ-साथ पूरे देश की निगाह लगी हुई है।

मंदिर निर्माण को लेकर संघ को भी साथ जोडऩे के उद्देश्य से कुंभनगर में आज से शुरू हो रही विहिप की धर्म संसद में शामिल होने के लिए सरसंघ चालक मोहन भागवत को न्योता दिया गया था। भागवत निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही कल कुंभनगर पहुंच गए। विहिप के शिविर में भागवत का आगमन हालांकि गोपनीय रखा गया था। उनके आते ही शिविर में सबसे पहले शाखा लगाई गई। भागवत ने दोपहर में आरएसएस और विहिप पदाधिकारियों के साथ धर्म संसद के संबंध में बैठक की। उसके इसके बाद देर शाम एक बार फिर संघ व विहिप की कोर कमेटी की बैठक हुई।