दिल्ली सरकार मौजूदा न्यूनतम मजदूरी में 11.1 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी कर सकती है। 28 जनवरी को न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड की आखिरी बैठक में इस पर आखिरी फैसला होगा। बोर्ड में कुल 34 सदस्य हैं। सरकार की ओर से गठित मूल्य संग्रह समिति ने सभी श्रेणी में 11.1 फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।
श्रम मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को बताया कि बीते नवंबर में मूल्य संग्रह समिति का गठन किया गया था। समिति ने मौजूदा न्यूनतम मजदूरी में 11.1 फीसदी तक की वृद्धि पर लोगों से 12 जनवरी तक सुझाव मांगा था। कुल 700 सुझाव व आपत्तियां आई हैं। 21 जनवरी को बोर्ड की पहली बैठक हुई। उसमें सभी तरह के सुझावों को रखा गया है। उसका अध्ययन कर आखिरी फैसला लिया जाएगा।
गोपाल राय ने बताया कि बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी की रिपोर्ट 31 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में जमा करनी है। इससे पहले न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड की 28 जनवरी की होने वाली बैठक में इस पर आखिरी फैसला लिया जाएगा। अगर सरकार के प्रस्तावित बढ़ोत्तरी के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी बढ़ी तो गैर प्रशिक्षित श्रेणी में जिसे 13 हजार 350 रुपये वेतन मिलता है, उसका वेतन बढ़कर 14 हजार 842 रुपये हो जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में यह बढ़ोत्तरी होगी। सरकार के इस फैसले के बाद करीब 35 लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा।
रोजगार मेले में 11 हजार ने कराया रजिस्ट्रेशन
दिल्ली सरकार के श्रम विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय रोजगार मेले में कुल 79 कंपनियों ने हिस्सा लिया। 13 हजार से अधिक नौकरियां अलग-अलग श्रेणी में हैं। दो दिन में 11 हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें से 3200 से अधिक लोगों को शार्टलिस्ट किया गया है। श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार रोजगार मेले का आयोजन 2016 से कर रही है। 2016 में 12 हजार लोगों को शार्टलिस्ट किया गया था। 2017 में 9000, 2018 में 6000 और अब 2019 में 3000 से अधिक लोग शार्टलिस्ट किए गए हैं। उनसे गिरावट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसके लिए नोटबंदी को जिम्मेदार बताया।