झारखंड में पारा शिक्षकों की हड़ताल खत्म, 48 फीसद तक बढ़ा मानदेय

रांची। शिक्षा मंत्री नीरा यादव के साथ गुरुवार को पारा शिक्षकों के साथ तीसरी बार हुई वार्ता सफल रही। इसमें जहां पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने पर सहमति बनी, वहीं स्थायीकरण तथा वेतनमान पर तीन माह के भीतर नियमावली बनाने की बात कही गई। वार्ता में बनी सहमति को लेकर देर रात लिखित समझौता पत्र मिलने के बाद पारा शिक्षकों ने तकरीबन दो माह से अधिक समय से चल रही हड़ताल खत्म कर दी।

विभागीय मंत्री के कार्यालय कक्ष में हुई वार्ता में पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाकर अलग-अलग स्लैब में न्यूनतम साढ़े दस हजार से अधिकतम पंद्रह हजार रुपये तक करने पर सहमति बनी। इससे इनके मानदेय में 2,272 रुपये से लेकर 4,836 रुपये तक बढ़ोतरी हो रही है। इस तरह, लगभग 48 फीसद तक मानदेय बढ़ा है। पारा शिक्षक वार्ता में स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर भी अड़े थे।

अंतत: तय हुआ कि इसपर विभाग को पहले ही नियमावली बनाने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में उच्चस्तरीय कमेटी आवश्यक प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी। यह भी तय हुआ कि विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए होनेवाली बैठकों में पारा शिक्षकों को भी सुना जाएगा। यह कमेटी ही स्थायीकरण तथा टेट पास पारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नियमावली बनाएगी।

टेट पास को शिक्षक नियुक्त करने के लिए विशेष काउंसिलिंग : वार्ता में यह भी सहमति बनी कि टेट पास पारा शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विशेष काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। बता दें कि 2016 में नियुक्ति के बाद काउंसिलिंग बंद कर दी गई थी। इससे, वैसे टेट पास पारा शिक्षकों की प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है जिनकी नियुक्ति मेधा सूची में नाम नीचे रहने के कारण नहीं हो पाई थी। टेट पास पारा शिक्षक लगभग 13 हजार हैं।

पारा शिक्षकों के लिए गठित होगा कल्याण कोष : पारा शिक्षकों के लिए गठित होगा कल्याण कोष। आकस्मिक निधन पर आश्रितों को मिलेंगे ढाई लाख रुपये। कार्मिक सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इसकी अनुशंसा की थी। जिसे लागू करने पर भी सहमति बनी। सरकार इस कोष में 10 करोड़ देगी। कुछ अंश पारा शिक्षक अपने मानदेय से कोष के लिए कटवाएंगे।

विधि परामर्श के बाद वापस होगी प्राथमिकी : 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आंदोलन के क्रम में पारा शिक्षकों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने पर विधि विभाग से परामर्श ली जाएगी। यदि विधि विभाग इसपर सहमति देता है तो कार्रवाई वापस ली जाएगी।