लखनऊ। बसपा अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन पर भाजपा सरकार और संगठन ने बधाई तो जरूर दी लेकिन, तंज कसने से नहीं चूके। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बधाई संदेश में मायावती के नये राजनीतिक कदम पर सवाल उठाए। महेंद्र नाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से मायावती ने अपना जन्मदिन मनाने के अंदाज में इतना परिवर्तन जरूर कर लिया कि नोटों के बजाय वोटों की अपील कीं। बसपा प्रमुख का यह दोहरापन नहीं तो और क्या है कि जिन गुंडों की छाती पर चढ़कर मोहर लगाने की बात करती थीं आज उन्हीं गुंडों को अपने पस्त हाथी पर बिठाकर घूम रही हैं।
कांग्रेस को बेची जाएंगी जीती सीटें
डॉ. शर्मा ने लोकभवन में पत्रकारों से कहा कि ‘सपा-बसपा गठबंधन लोकसभा चुनाव में यदि कुछ सीटें जीत भी गया तो उसे कांग्रेस को बेची जाएंगी। 25 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड से मिली प्रताडऩा को बसपा कार्यकर्ताओं ने सहा है और वे उसे भूले नहीं हैं। यह दो दलों और उनके नेताओं का गठबंधन हो सकता है लेकिन कार्यकर्ताओं का नहीं। दिनेश शर्मा ने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जो दल एक-दूसरे को गालियां दे रहे थे, वे आज सियासी मजबूरी के कारण एक-दूसरे को समर्थन दे रहे हैं।
कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखना सुनियोजित
कांग्रेस को सुनियोजित तरीके से गठबंधन से बाहर रखा गया है ताकि वह ऐसे प्रत्याशी खड़ा करे जो भाजपा के वोट काटे। उन्होंने कहा कि भाजपा सीबीआइ का दुरुपयोग नहीं कर रही है बल्कि अदालत के निर्देश पर जांचें हो रही हैं। डॉ. महेंद्र और डॉ. दिनेश ने अल्पसंख्यक हितों को लेकर मायावती के उठाये सवाल पर भी प्रहार किया। डॉ. पांडेय ने कहा कि मायावती को मुसलमानों के हितों की चिंता सता रही है जबकि विधानसभा चुनाव हारने का ठीकरा उन्होंने मुसलमानों पर फोड़ा था।