केरल (Kerala) के पथानामथिट्टा में स्थित प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple) में बुधवार तकरीबन 30 वर्ष की उम्र की दो महिलाओं ने प्रवेश करने की कोशिश की। हालांकि, विरोध का सामना करने के बाद वे मंदिर जाने के रास्ते को सिर्फ आधा ही पूरा कर सकीं और वापस आना पड़ा।
कन्नूर की रहने वाली दोनों महिलाओं के नाम रेशमा निशांत और शनिला सजेश है। दोनों ने मंदिर जाने वाले रास्ते में 5.5 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी। इसी दौरान नाराज भक्तों ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। दोनों महिलाओं ने मंदिर जाने के लिए चढ़ाई सुबह पांच बजे शुरू की थी और दोनों ने पुरुषों के कपड़े पहने हुए थे।
दोनों महिलाओं का कहना है कि पुलिस ने उन्हें सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद वे मंदिर में दर्शन करने के लिए गई थीं।
पुलिस ने दोनों महिलाओं का विरोध कर रहे पांच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद महिलाओं ने कुछ समय के लिए चढ़ाई जारी रखी।
दोनों महिलाओं के कुछ आगे बढ़ने के बाद दोनों को एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। यह पूरी घटना तकरीबन दो घंटे तक चलती थी। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस ने दोनों महिलाओं को बेस कैंप ले गई।
सबरीमला मंदिर पर पीएम ने केरल सरकार को घेरा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर राज्य में मचे बवाल पर मंगलवार को केरल की वामपंथी सरकार और विपक्ष कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने पिनारई विजयन के नेतृत्ववाली लेफ्ट डमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार को हमला बोलते हुए कहा कि इतिहास में इसे सबसे शर्मनाक व्यवहारों में से एक कहा जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा- ‘हम जानते हैं कि कम्युनिस्ट देश के इतिहास, संस्कृति और धार्मिकता का आदर नहीं करते हैं। लेकिन कोई ऐसी कल्पना नहीं कर रहा था कि वे इस तरह से घृणा करेंगे। वे (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) अच्छ नहीं है। कांग्रेस के कई स्टैंड रहे हैं- वे संसद में कुछ कहते हैं लेकिन पथनमथिट्टा में कुछ और कहती है।’