बिहार में दो बैंक मैनेजर गिरफ्तार, एक हेराफेरी में तो दूसरा घूसखोरी में

पटना। बिहार में दो बैंक मैनेजर गिरफ्तार किये गये हैं। 24 घंटे के अंदर दोनों बैंक मैनेजरों की गिरफ्तारी पटना से हुई है। पटना के फ्रेजर रोड ब्रांच से गिरफ्तार पीएनबी मैनेजर पर गलत ढंग से लोन देने का आरोप है, जबकि राजाबाजार इलाके से गिरफ्तार दूसरे बैंक मैनेजर पर घूस लेने का आरोप है। दूसरा बैंक मैनेजर आंध्र बैंक में पोस्टेड है और वह 50 हजार रुपये घूस ले रहा था।

पीएनबी मैनेजर का मामला

अगमकुआं थाना क्षेत्र के कांटी फैक्ट्री रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में वर्ष 2015 में गलत ढंग से 1.30 करोड़ लोन देने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को बैंक मैनेजर अंजना सिंह को गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया। महिला मैनेजर को फ्रेजर रोड स्थित शाखा से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पूर्व से आरोपित चार आरोपित जमानत पर हैं। गांधीनगर स्थित कांटी फैक्ट्री रोड के आनंद पथ में रहनेवाले दीपक कुमार ने वर्ष 2017 में अगमकुआं थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि उनके और बड़े भाई जयशंकर कुमार सिंह के नाम से संयुक्त संपत्ति है। भाई जयशंकर ने पत्नी सुनीता देवी के नाम से फर्जी तरीके से विश्वकर्मा सेल्स गठित किया। वर्ष 2015 में कांटी फैक्ट्री रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की तत्कालीन प्रबंधक अंजना सिंह की मिलीभगत व षड्यंत्र रचकर बिना मेरी सहमति के संयुक्त संपत्ति गिरवी रखकर 50 लाख का लोन पास करा लिया।

गलत ढंग से लोन देने का आरोप

इसके बाद फिर 50 लाख रुपये और 30 लाख रुपये का और लोन पास करा लिया। दीपक का आरोप है कि लोन पास होने के बाद प्रबंधक, बड़े भाई व भाभी ने राशि बांट ली। आवेदक का कहना है कि बड़े भाई व भाभी पर कर्ज लौटाने के लिए काफी दबाव बनाया, लेकिन वे लोग बैंक कर्ज नहीं लौटाने पर अड़े रहे। इस मामले में प्राथमिकी अभियुक्त जयशंकर कुमार सिंह व भाभी सुनीता देवी पूर्व में जमानत ले चुके हैं। वहीं अनुसंधान के क्रम में बनाए गए अप्राथमिकी अभियुक्त तत्कालीन बैंक प्रबंधक उषा कुमारी व वरीय प्रबंधक एसएन ठाकुर भी जमानत ले चुके हैं। पुलिस की जांच में पता चला कि जिस मकान के नाम पर लोन पास किया गया, उसका सत्यापन तक नहीं किया गया। हस्ताक्षर भी फर्जी निकला। सोमवार को पीड़ित परिवार एसएसपी गरिमा मलिक से गुहार लगाने पहुंचा तो कार्रवाई हुई। कार्रवाई को लेकर शहर के बैंकों में हड़कंप है। बैंक अधिकारी इस कार्रवाई को लेकर नाराज हैं। उधर पटना के एसपी पूर्वी राजेंद्र भील ने बताया कि वर्ष 2017 में फर्जी ढंग से लोन पास करने के मामले में केस दर्ज हुआ था। बिना जांच के लोन पास करने के मामले में महिला बैंक मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पहले से जांच चल रही है। प्रथमदृष्टया मैनेजर को दोषी पाए जाने के बाद मैनेजर पर कार्रवाई की गयी है।

आंध्र बैंक के सीनियर मैनेजर का मामला

वहीं एक अन्य मामले में सीबीआइ ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आंध्र बैंक के सीनियर मैनेजर संदीप कुमार को रिश्वत की 50 हजार की मोटी रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उन्हें सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि राइस मिल मालिक चंदन कुमार ने आंध्र बैंक से ऋण लिया था। बैंक मैनेजर संदीप कुमार ऋण राशि के समायोजन के लिए उनसे 50 हजार रुपये की रकम मांग रहे थे। चंदन कुमार ने पहले तो अपने स्तर से मामले को निबटाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। अंतत उन्होंने इस बात की शिकायत सीबीआइ से की।

घूस में ले रहे थे 50 हजार कैश

चंदन कुमार की शिकायत के बाद सीबीआइ ने अपने स्तर से मामले की पड़ताल की और बात को सत्य पाया। जिसके बाद आंध्र बैंक के मैनेजर संदीप कुमार की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया। मंगलवार को जब संदीप कुमार राजाबाजार स्थित ब्रह्मस्थान के पास चंदन कुमार से रिश्वत के 50 हजार रुपये ले रहे थे, उसी वक्त सीबीआइ की टीम ने उन्हें दबोच लिया। बैंक मैनेजर को सीबीआइ अपने साथ लेती गई है। अब उनसे पूछताछ के बाद उन्हें सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।