उत्तराखंड: होम स्टे के गेस्ट हाउसों को घरेलू दर पर मिलेगी बिजली

होम स्टे पर्यटन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले प्रोजेक्ट को रियायती मूल्य पर बिजली मिलेगी। इन्हें व्यावसायिक श्रेणी से हटाते हुए घरेलू श्रेणी में बिजली दी जाएगी। पर्यटन से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए सिंगल विंडो सिस्टम से 15 दिन में सभी औपचारिकताएं पूरी कराई जाएंगी। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाएंगे। एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज सभागार में संडे को उच्च शिक्षा विभाग के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये घोषणा की। वे बोले, आवास नीति में संशोधन से विकास के रास्ते खुलेंगे। कोई भी मौजूदा भवन में नया निर्माण कर इसे होम स्टे में इस्तेमाल कर सकेगा। अटल आयुष्मान के कार्ड बनाने में तेजी लाई जा रही है। पहाड़ में उच्च शिक्षा विकास को 2.5 एकड़ में विवि बनाने की छूट दी है। उन्होंने सभी विवि से आह्वान किया कि वो स्थानीय सामाजिक और आर्थिक विकास पर फोकस रखते हुए शोध कार्य करें।

मनरेगा में मांगा 5 साल का प्रोजेक्ट: सरकार ने पिरुल को अर्थव्यवस्था का आधार बनाने के लिए केंद्र सरकार को पांच साल का प्रोजेक्ट दिया है। पिरुल जमा करने को मनरेगा में शामिल करने की पैरवी भी की गई है। इससे पहाड़ के लोगों को 175 रुपये दिहाड़ी मिलेगी। सरकार दो रुपये किलो हिसाब से पिरुल खरीदेगी। सवा लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। राज्य को पिरुल से 150 मेगावाट बिजली भी मिलेगी। 365 दिन में बनेगा सौंग पर बांध : मुख्यमंत्री बोले, दून की जल संकट दूर करने और रिस्पना पुनर्जीवन को सौंग पर बांध जल्द बनेगा। इसकी क्लियरेंस की प्रक्रिया चल रही है। इसे 365 दिन में बनाने का लक्ष्य रखा है। कोटद्वार में खोह नदी के जल संरक्षण के लिए भी योजना बनाई जा रही है।

अमिताभ 35 दिन रहेंगे उत्तराखंड में
मुख्यमंत्री बोले, सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड फिल्म फ्रेंडली स्टेट के रूप में स्थापित होता जा रहा है। 100 फिल्म और टीवी सीरियल की शूटिंग प्रस्तावित है। अमिताभ बच्चन भी अपनी एक फिल्म की शूटिंग के लिए यहां 35 दिन के लिए आ रहे हैं। राज्य के लोगों के लिए इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

34 हजार करोड़ के निवेश पर बात बढ़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट से राज्य को लाभ मिला है। इसके नतीजे के लिए तीन से चार साल का इंतजार करना होगा। समिट के दौरान सवा लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए थे। मुख्य सचिव हर हफ्ते निवेशकों से संपर्क में हैं। अब तक 34 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर बात आगे बढ़ भी चुकी है।

उत्तराखंड का निर्माण दूरदराज के क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ है। देहरादून से ज्यादा यह चकराता-त्यूणी के विकास के लिए बना है। हरिद्वार के शहरी क्षेत्रों की जगह खानपुर सरीखे ग्रामीण इलाकों में ज्यादा काम करने की जरूरत है। सरकार इसी सोच संग काम कर रही है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री