PM मोदी के कार्यक्रमों में NDA के दो सहयोगी नहीं रहे मौजूद, BJP की राजभर वोटों को साधने की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को गाजीपुर व वाराणसी के दौरे पर रहेंगे। इस दौरे में प्रधानमंत्री गाजीपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखने के साथ ही जिले को कई अन्य योजनाओं की सौगात देंगे। साथ ही महाराजा सुहेलदेव के नाम से डाक टिकट जारी किया। पर पीएम मोदी के इन कार्यक्रमों के दौरान एनडीए के दो सहयोगी मौजूद नहीं रहे। गाजीपुर में प्रधानमंत्री महाराजा सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी करने के अलावा गाजीपुर को करोड़ों रुपये के विकास कार्य की भी सौगात दी। सियासी हलकों में प्रधानमं‌त्री के दौरे को पूर्वांचल खासतौर पर एक दर्जन से अधिक राजभर बहुल लोकसभा सीटों पर सियासी समीकरण साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।

गाजीपुर में प्रधानमंत्री की रैली ऐसे समय हुई जब यूपी में भाजपा के दो सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (एस) भाजपा को आंख दिखा रहे हैं। दोनों ही दलों का पूर्वांचल के इस इलाके में खासा असर माना जाता है। गाजीपुर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर का गढ़ भी है। वहीं, केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का यह गृह जनपद भी है।

राजभर समाज रैली में नहीं हुआ शामिल
राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा था कि गाजीपुर रैली में राजभर समाज शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने से समाज का विकास होगा ना कि डाक टिकट जारी करने से विकास होगा। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम से डाक टिकट का विमोचन नहीं होने की वजह से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर राजकीय मेडिकल कॉलेज गाजीपुर में प्रधानमंत्री की रैली में नहीं शामिल होंगे।

ओमप्रकाश राजभर के भी हैं शिकवे
मंत्री ओमप्रकाश राजभर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री जरूर हैं लेकिन असरदार विभाग नहीं होने से वह खिन्न बताए जाते हैं। यही नहीं उनकी सबसे बड़ी शिकायत है कि सहमति के बावजूद सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू कर पिछड़ों के आरक्षण में बंटवारा नहीं किया जा रहा। वादा किया गया था कि इसे अक्तूबर 2018 तक लागू कर दिया जाएगा। राजभर तमाम कोशिशों के बावजूद सिर्फ अपने एक बेटे को ही गनर दिला सके। उन्होंने दोनों बेटों के लिए गनर मांगे थे। असल मुद्दा लोकसभा चुनावों में सीटों की दावेदारी का है। राजभर घोसी लोकसभा सीट के साथ ही पूर्वांचल में पांच सीटें चाहते हैं।

अपना दल भी पीएम मोदी के कार्यक्रम में नहीं हुआ शामिल
अपना दल(एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा था कि मिर्जापुर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के कार्यक्रमों का भाजपा के नेता और जनप्रतिनिधि बहिष्कार कर रहे हैं। अब अनुप्रिया पटेल भी यूपी सरकार के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि गाजीपुर में होने वाली पीएम मोदी की सभा के लिए भी निमंत्रण मिला है लेकिन मंत्री और अपना दल (एस) के नेता नहीं जाएंगे। जब तक केंद्रीय नेतृत्व इस मसले का समाधान नहीं करता है तब तक हम किसी भी तरह से भाजपा का सहयोग नहीं करेगें।

संगठन स्तर पर तालमेल नहीं
अपना दल और भाजपा के संगठन स्तर पर भी बेहतर तालमेल नहीं है। मसलन, कहीं जिला संगठन से दिक्कतें हैं तो कहीं विधायकों में सामंजस्य नहीं है। इसे नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो शिकवे और भी हैं। अपना दल को शिकायत रहती है कि अधिकारी चाहे पुलिस अधीक्षक हों या फिर डीएम, अपना दल के पदाधिकारियों की सिफारिशें नहीं सुनी जा रहीं।  आयोगों में होने वाली तैनातियों में भी अपना दल की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। लखनऊ में कार्यालय की मांग पूरी नहीं हुई। बमुश्किल एक बंगला आशीष पटेल को दिया गया। एक शिकवा यह भी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में अनुप्रिया पटेल को राज्यमंत्री का दर्जा मिला है लेकिन विभाग में उन्हें कोई महत्वपूर्ण काम नहीं दिया गया। यही नहीं इस नाराजगी के पीछे ज्यादा और मनमाफिक सीटों पर दावेदारी के लिए दांवपेच भी माना जा रहा है।

सियासी समीकरण साधने की कोशिश
महाराजा सुहेलदेव के नाम पर सियासी समीकरण साधने की कसरत कोई पहली बार भाजपा नहीं कर रही है। इसके पहले भी भाजपा इस दिशा में कोशिश कर चुकी है।  महाराज सुहेलदेव के डाक टिकट के बहाने राजभर और पासी समाज के वोटरों को लोकसभा चुनाव में भाजपा के पाले में खींचने की कोशिश करेंगे। भाजपा इसके लिए महाराजा सुहेल देव को  मुस्लिम आक्रांताओं को धूल चटाने वाले पराक्रमी राजा के रूप में पेश कर रही हैं।

करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं की सौगात
गाजीपुर रैली में पीएम करोड़ों रुपये की विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे। इनमें मऊ-ताड़ीघाट नई लाईन के मध्य गंगा नदी पर रेल -सड़क पुल का शिलान्यास, गाजीपुर-बलिया रेल खंड में 65.1 किमी लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण का शिलान्यास, गाजीपुर सिटी-कोलकाता साप्ताहिक सुपरफास्ट ‘शब्द भेदी’ एक्सप्रेस का शुभारंभ, गाजीपुर घाट स्टेशन पर नवनिर्मित पेरिशेबल कार्गो केंद्र का लोकार्पण, राजमार्ग 29 पर स्थित वाराणसी-गोरखपुर के मध्य 65 किमी लंबे चार लेन बनाने के कार्य का शिलान्यास, डाकघर बचत-बीमा योजना से शत प्रतिशत ग्राम प्रधानों का सम्मान और सुकन्या समृद्धि योजना के लाभार्थियों को पासबुक वितरण शामिल है।