बाराबंकी में आतिशबाजी बनाने के दौरान विस्फोट, चार की मौत-कई हताहत

बाराबंकी। रामसनेहीघाट कोतवाली क्षेत्र के धारूपुर गांव में आतिशबाजी बनाने के दौरान मंगलवार की शाम करीब चार बजे घर में विस्फोट हो गया। धुएं का काला गुब्बारा आकाश में छा गया। हादसे में चार लोगों के मरने और छह से ज्यादा के घायल होने की सूचना है।

बताया जा रहा है कि विस्फोट इतना जोरदार रहा कि मृतकों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर जाकर गिरे। एकाएक धमाकों से इलाके में दहशहत फैल गई। आननफानन में सूचना मिलते ही एसडीएम समेत तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। मौके पर एसडीएम और पुलिसबल राहत अौर बचाव कार्य में जुटा है।

दरअसल, धारूपुर गांव निवासी हसीब के पास आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस है। बताया जा रहा है कि वी कारखाना गांव के बाहर और आतिशबाजी घर पर तैयार करता था। मंगलवार को उसका बेटा आबादी के बीच स्थित अपने घर में आतिशबाजी तैयार कर रहा था। इसी दौरान विस्फोट के चलते बड़ा हादसा हुआ। धमाके में  हसीब के साथ आतिशबाजी तैयार कर रहे शब्बीर और जाहिद व कई अन्य भी विस्फोट का शिकार हुए। तेज विस्फोट के चलते करीब 200 मीटर से ज्यादा दूर मृतकों के शवों के अंग बिखरे हुए मिले हैं।

गांव के बाहर मिला बालक का जला शव
विस्फोट में एक बालक का जला शव गांव के बाहर और एक हाथ के साथ अन्‍य युवक का शव बरामद हुआ है। मृतकों और घायलों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है। उधर, सिरौलीगौसपुर और जिला मुख्यालय से पहुंची दमकल टीम आग बुझाने में जुटी है। एसपी डॉ सतीश कुमार फोर्स के साथ मौके पर डटे हैं। राहत व बचाव कार्य किया जा रहा है। कमिश्नर अयोध्या के जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने की बात कही जा रही है।

हसीब के घर पंद्रह वर्ष में तीसरा हादसा
ग्रामीणों के मुताबिक, हसीब के घर यह तीसरी विस्फोट की घटना हुई है। पहली घटना करीब वर्ष 2005 में हुई थी। इसमें बड़ी बहन की और पांच वर्ष पहले हुए हादसे में छोटी बहन शमशुल की मौत हुई थी। वहीं वर्ष 2012 के करीब दूसरी घटना में एक भाई और बहन की मौत हो चुकी है। फिर भी गांव के अंदर मौत के धंधे पर पुलिस का डंडा नहीं चला सका। प्रशासन की भी बंद आंखें हादसे के बाद तब खुली जब गांव राख होते होते बचा। यहां दुकान दिखाकर लाइंसेंस लिया गया था। जबकि सभी को मालूम था कि निर्माण हसीब घर मे कराता है।

डीआइजी और कमिश्नर के सामने लगे पुलिस मुर्दाबाद के नारे
धारूपुर गांव में हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश दिखा। घटनास्थल पर पहुंचे डीआइजी और कमिश्नर के सामने आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। एसपी और पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। लेकिन, ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस जानबूझ कर मौत का कारोबार कराती थी। लाइसेंस निरस्त कर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। ग्रामीण इससे पहले भी इस अवैध कारोबार को लेकर आवाज उठाते रहते हैं। इसकी शिकायत भी ग्रामीण हल्का दारोगा से लेकर पुलिस व प्रशासन से कर चुके हैं।

आतिशबाजी गोदाम के लिए मानक 

  • दुकानों के सामने सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 12 मीटर हो।
  • गोदाम भीड़भाड़ व रिहायशी इलाकों से दूर हों।
  • गोदाम में जेड टाइप का वेंटीलेशन सिस्टम बनाया जाए।
  • विद्युत उपकरण नहीं होने चाहिए और विद्युत अर्थिंग के लिए त्वरित चालक (लाइङ्क्षटग कंडक्टर) का प्रावधान किया जाए।
  • मेन स्विच बोर्ड गोदाम के बाहर हो और एमसीबी की फिङ्क्षटग अनिवार्य हो।
  • मेन दरवाजा स्टील रॉड डबल लॉक होना चाहिए।
  • गोदाम में सीढ़ी का प्रावधान नहीं हो।
  • गोदाम का अधिकतम एरिया 25 वर्ग मीटर हो।