सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को राफेल (Rafale) विमानों की खरीद को लेकर दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा, रक्षा सौदों में कोर्ट की दखलंदाजी ठीक नहीं है। याचिकाओं में राफेल खरीद की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी। आपको बता दें कि इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि प्राइस और ऑफसेट पार्टनर की समीक्षा करना कोर्ट का काम नहीं। सरकार की निर्णय लेने की प्रक्रिया बिल्कुल सही थी। कोर्ट ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद याचिकाएं दायर की गई जो विचारणीय नहीं हैं। कोर्ट ने कहा, राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई अवसर नहीं है।
इस सौदे में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सबसे पहले अधिवक्ता मनोहरलाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद, एक अन्य अधिवक्ता विनीत ढांडा ने याचिका दायर कर शीर्ष अदालत की निगरानी में इस सौदे की जांच कराने का अनुरोध किया था। इस सौदे को लेकर आप पार्टी के सांसद संजय सिंह और इसके बाद दो पूर्व मंत्रियों तथा भाजपा नेताओं यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी एक अलग याचिका दायर की।