ठंड और कोहरे के साथ बढ़ रहे प्रदूषण से राजधानी की हवा एक बार फिर से खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुवार को लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 381 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रिकार्ड किया। इसके साथ यह देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। वहीं, कानपुर पहले स्थान पर है। वहां की एक्यूआई 457 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज की गई।
11 शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्थिति में :देश के 11 शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में बनी हुई है। चार शहरों में एक्यूआई 400 माइक्रोग्राम के पार रिकार्ड की गई। सबसे ज्यादा कानपुर की हवा खराब है। यह देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। दूसरे नंबर पर संयुक्त रूप से गाजियाबाद व पटना शहर रहे। दोनों शहरों में एक्यूआई 405 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर रही। तीसरे स्थान पर रहे मुजफ्फरपुर रहा। यहां एक्यूआई 403 रिकार्ड की गई।
पत्थर कटाई पर अंकुश नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार, दो-तीन दिन से तापमान में गिरावट होने से धूल के कण ऊंचाई पर नहीं जा पा रहे हैं। सुबह व शाम पड़ रहे कोहरे व हवा की गति कम होने से धूल के कण भारी होकर शहर के ऊपर जमा हो गए हैं। प्रशासन का अंधाधुंध निर्माण कार्य पर किसी प्रकार का नियंत्रण न होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रशासन के पत्थर कटाई रोके जाने के दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं। गोमतीनगर में कूड़ा डंप किए जाने पर प्रमुख सचिव से जवाब मांगा
हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने शहर में जगह-जगह कूड़ा ढेर किये जाने के मामले को गम्भीरता से लिया है। अदालत ने गोमतीनगर जैसे रिहायशी इलाके में नगर निगम द्वारा कूड़ा ढेर किये जाने को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि प्रमुख सचिव शहरी विकास एवं प्रमुख सचिव पर्यावरण हलफनामा पेश कर बताएं कि अब तक इस मामले में क्या कार्यवाही की गई। अदालत ने कहा है कि 17 दिसम्बर तक हलफनामा न देने की स्थिति में दोनों प्रमुख सचिव अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे । यह आदेश न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन व न्यायमूर्ति सौरभ लावानिया की पीठ ने रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी की ओर से अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा द्वारा दायर याचिका पर दिए है । आरोप लगाया गया कि विकासखंड में खुली जगह पर कूड़ा कचरा डाला जा रहा है । इससे आम आदमी को परेशानी हो रही है । साथ ही बीमारी बढ़ने की भी आशंका है । सुनवाई के समय अदालत को बताया गया कि शहर के किसी भी रिहायशी इलाके में कूड़ा कचरा न डाला जाए। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 17 दिसम्बर तय की है।
शहरों में एक्यूआई की स्थिति
(माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर में)
शहर एक्यूआई
कानपुर 457
गाजियाबाद 405
पटना 405
मुजफ्फरपुर 403
नोएडा 394
हापुड़ 394
मुजफ्फरनगर 392
कोलकाता 381
लखनऊ 380
बुलंदशहर 378
आगरा 368