चंडीगढ़। किलोमीटर स्कीम के खिलाफ 18 दिन के चक्का जाम के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर ठंडे पड़े रोडवेज कर्मचारी फिर उग्र होने लगे हैं। विगत 3 नवंबर को काम पर लौटने के ठीक एक महीने बाद सोमवार को पूरे प्रदेश में रोडवेज कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इस बार टकराव का मुद्दा बने हैं वर्ष 2016 में अनुबंध पर रखे गए 365 चालक, जिन्हें परिवहन निदेशालय ने नौकरी से हटाने का आदेश जारी कर दिया है।
चालक-परिचालकों का ओवरटाइम बंद करने और गांवों में बसों के रात्रि ठहराव को बंद करने से उपजे हालात पर रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने बुधवार को रोहतक में बैठक बुला रखी है। तालमेल कमेटी नेताओं ने धमकी दी है कि अगर फैसला नहीं बदला तो कर्मचारी फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं।
तालमेल कमेटी के पदाधिकारियोंइंद्र सिंह बधाना, वीरेंद्र धनखड़, दलबीर किरमारा, हरिनारायण शर्मा, शरबत पूनिया, बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद फरीदाबाद में 37 रोडवेज चालकों को बाहर कर दिया गया है। सरकार सभी 365 चालकों को हटाने का आदेश वापस लेते हुए कानून में बदलाव कर इन्हें पक्का करे।
दो दिन में डिपुओं को मिलेंगे नए कंडक्टर
हाल ही में भर्ती 1010 कंडक्टरों को स्टेशन की अलॉटमेंट शुरू हो गई है। सोमवार को परिवहन निदेशालय में चयनित उम्मीदवारों की काउंसलिंग कर उनसे पसंद के स्टेशन मांगे गए। दो दिन में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें संबंधित डिपुओं में भेज दिया जाएगा।