कहते हैं कि आज के समय में अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान होना उतना ही जरूरी है, जितना कि हिंदी का। इसके बिना अब काम चलने वाला नहीं है। अब बिहार पुलिस को ही देख लीजिए, जिसे अंग्रेजी में लिखा कोर्ट का एक आदेश समझ नहीं आया और संपत्ति जांचने के आदेश को वारंट समझ लिया और युवक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया।
यह अजीबोगरीब घटना बिहार के जहानाबाद में घटी है। दरअसल, पटना फैमिली कोर्ट ने तलाक के एक मामले में मखदुमपुर पुलिस को एक युवक की संपत्ति जांचने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने इस आदेश को वारंट समझ लिया और युवक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जब असलियत सामने आई तो पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को शर्मिंदा होना पड़ा।
नीरज ने बताया कि 25 नवंबर को वह अपनी दुकान पर बैठा था। इसी बीच वहां पुलिस आई और उसे गिरफ्तार करके थाने लेकर चली गई। इस दौरान युवक ने अपने वकील से भी बात कराई, लेकिन पुलिस कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी।
नीरज की गिरफ्तारी के अगले दिन पुलिस ने उसे पटना फैमिली कोर्ट में पेश किया। इस दौरान जज ने नीरज को गिरफ्तार पाया देख पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और उसे बाइज्जत घर पहुंचाने का पुलिस को आदेश दिया।
जानकारी के मुताबिक, नीरज की शादी साल 2012 में हुई थी, लेकिन शादी के कुछ ही महीने बाद दोनों के रिश्तों में खटास आ गई और मामला तलाक तक पहुंच गया। नीरज की पत्नी ने उसके खिलाफ पटना और जहानाबाद दोनों जगहों पर प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया।
तलाक के इस मामले में पटना फैमिली कोर्ट ने 7 सितंबर को जहानाबाद एसपी को आदेश दिया कि नीरज की संपत्ति का मूल्यांकन करके रिपोर्ट पेश की जाए। चूंकि यह मामला मखदुमपुर से जुड़ा था, इसलिए वहां की पुलिस को भी आदेश की एक कॉपी भेजी गई। लेकिन पुलिस ने उसे कुछ और ही समझ लिया।
पुलिस के इस कारनामे पर जहानाबाद के एएसपी पंकज कुमार ने बताया कि नीरज की संपत्ति की जांच रिपोर्ट 2-3 दिन में एसपी को सौंप दी जाएगी। बता दें कि कोर्ट ने नीरज को अपनी पत्नी को 2,500 रुपये महीना गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।