देर रात फिर गरमाया बीएचयू का माहौल, हास्टल में छात्रों को बनाया बंधक

सुबह से शाम तक नर्सिंग की छात्राअों से निबटने में लगे बीएचयू प्रशासन की सिरदर्दी देर रात फिर बढ़ गई। भगवान दास हास्टल में लॉ फैकल्टी के छात्रों द्वारा कुछ छात्रों को बंधक बनाने की सूचना पर परिसर का माहौल गरमा गया। लॉ के छात्रों का आरोप था कि वे असलहा लेकर हॉस्टल के छात्रों को धमकाने आये थे। ऐसा उन्होंने एक प्रोफेसर के कहने पर किया है। बताते हैं कि बंधक बनाए गए छात्रों में दो हॉस्टल के कमरे की ग्रिल तोड़कर भाग निकले और चीफ प्रॉक्टर को मामले की जानकारी दी। सुरक्षाकर्मियों की सूचना पर लंका पुलिस और चीफ प्रॉक्टर मौके पर पहुंच गईं। चीफ प्रॉक्टर ने छात्रों से बात करना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया।

उधर हॉस्टल के छात्रों ने मुख्य द्वार बंद कर परिसर की लाइट बंद कर दी। अंधेरे में बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मौके पर पहुंची चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने जब छात्रों से बात करनी चाही तो उन्होंने मना कर दिया। सभी छात्र विधि संकाय के प्रोफेसर और हॉस्टल के वार्डेन को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे।

चीफ प्राक्टर रोयाना सिंह के अनुसार दो छात्रों को बंधक बनाने की सूचना है। हॉस्टल के छात्रों से बात करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वे कुछ सुनने को तैयार नहीं हैं। वहीं लंका एसअो भारत भूषण तिवारी का कहना है कि हॉस्टल में छात्रों के बवाल की सूचना पर पुलिस बीएचयू में गई थी लेकिन किसी को बंधक बनाए जाने की बात समाने नहीं आयी।
हाजिरी पूरी न होने का भी मामला

बीएचयू के भगवानदास हॉस्टल में रहने वाले लॉ फैकेल्टी के छात्रों ने गुरुवार देर रात हंगामा की सूचना पर सदलबल पहुंचे लंका थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी ने बताया कि पिछले दिनों उपस्थिति पूरी न होने पर विधि संकाय के कुछ छात्रों को प्रवेशपत्र नहीं दिया गया था। इसके विरोध में विधि संकाय सहित कुछ अन्य विभागों के छात्र समर्थन में धरने पर बैठ गए थे। बीते बुधवार को परीक्षा से पूर्व छात्रों को पुलिस और बीएचयू प्रशासन ने जबरन हटा दिया। जिन छात्रों को प्रवेश पत्र दिए गए थे उन्होंने परीक्षा दे दी। इसी बात से गुस्साए छात्रों ने गुरुवार रात योजना बनाकर हंगामा करने लगे।

सुरक्षाकर्मियों की सूचना पर लंका पुलिस और चीफ प्रॉक्टर मौके पर पहुंच गईं। चीफ प्रॉक्टर ने छात्रों से बात करना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। छात्रों का कहना था कि एक प्रोफेसर ने साजिश के तहत फंसाकर हमें परीक्षा से वंचित किया है। उन्हीं के कहने पर बाहरी लोग हॉस्टल में रह रहे हैं। बाहरी लोग हॉस्टल के छात्रों से मारपीट करते हैं। कई बार कमरों से सामान भी चोरी हो चुके हैं। कई बार शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। छात्रों की मांग थी कि वार्डेन को भी पद से हटाया जाए और विशेष समय सारिणी तय कर उन्हें भी परीक्षा दिलाई जाए।