कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान नहीं करने पर भाजपा ने निशाना साधा है। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी पार्टी में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के आपसी टकराव के कारण जनता में कांग्रेस को लेकर घोर अविश्वास पैदा हुआ है और अब जनता तय कर चुकी है कि अशोक गहलोत दिल्ली में रहकर पार्टी की जिम्मेदारी संभालें और सचिन पायलट अपने घर वापस जाएं। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री का चुनाव निर्वाचित विधायक ही करेंगे।
सैनी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी किसानों एवं खेती को लेकर ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया। साथ ही सैनी ने दावा किया कि जनता में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर कोई नाराजगी नहीं है और राजस्थान में वसुंधरा के नेतृत्व में भाजपा फिर सरकार बनाएगी।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, “कांग्रेस में पांच-सात नेता मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। कोई जाति के आधार पर तो कोई क्षेत्र के आधार पर अपनी दावेदारी पेश कर रहा है और इनके समर्थक भी आपस में टकरा रहे हैं। इस कारण जनता में भी घोर अविश्वास पैदा हुआ है कि जब ये नेता सत्ता हासिल करने के लिए लड़ रहे हैं तो फिर सत्ता में आने पर वे जनता की बातों पर निश्चित तौर पर ध्यान नहीं देंगे और ऐसे में इनको सरकार में लाने का कोई मतलब नही हैं।”
सैनी ने कांग्रेस महासचिव तथा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा, “राजस्थान की जनता नहीं चाहती कि ये दोनों यहां रहें। पायलट जी से पूछा जाए कि वह कहां के हैं। जनता ने तय कर लिया है कि वह अपने घर जाएं और गहलोत जी के पास संगठन महासचिव की जिम्मेदारी है तो उन्हें भी दिल्ली में रहना चाहिए।”
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी होने संबंधी खबरों के सवाल पर सैनी ने कहा, “मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा और उनकी सभाओं में आ रही भीड़ से यह तय है कि वसुंधरा जी को लेकर नाराजगी नहीं है। जनकल्याण की योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन होने से जनता में संतुष्टि है। आने वाले चुनाव में यह बात साबित हो जाएगी।”