यमुना एक्सप्रेस वे पर सात पैसे प्रति किलोमीटर टोल दर बढ़ाने का प्रस्ताव प्राधिकरण के बोर्ड ने खारिज कर दिया। प्राधिकरण ने कहा कि पहले एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा मानक दुरुस्त किए जाएं। इसके बाद टोल दर बढ़ाने पर विचार होगा। जून 2016 से टोल दरें नहीं बढ़ाई गई हैं।
जेपी ग्रुप ने यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल दरें बढ़ाने का प्रस्ताव यमुना प्राधिकरण को दिया था। यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पिछले साल भी टोल दर बढ़ाने का प्रस्ताव आया था। उस समय प्राधिकरण ने शर्त रखी थी कि बढ़ी दर का जो पैसा आएगा उसको संयुक्त खाते में रखा जाए और पैसा एक्सप्रेस वे सुरक्षा प्रबंधों पर खर्च किया जाए लेकिन यह काम यमुना एक्सप्रेस वे प्रबंधन ने नहीं किया। प्राधिकरण बोर्ड ने इसी आधार पर यह प्रस्ताव खारिज कर दिया।
जेवर एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट रखी : बोर्ड बैठक में जेवर एयरपोर्ट की स्टेटस रिपोर्ट भी रखी गई। इसमें अब तक की प्रगति को बताया गया। प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेशन कमेटी ने बिड डाक्यूमेंट और निर्माण कंपनी के साथ होने वाले एग्रीमेंट को पास कर दिया है।
जेपी ग्रुप भुगतान करे
प्राधिकरण ने जेपी ग्रुप को रिशेडयूलमेंट में प्लॉट दिया था। इसमें जेपी को 108 करोड़ रुपये जमा करने थे लेकिन अभी तक नहीं जमा किया है। बोर्ड ने कहा कि अगर जेपी ग्रुप 31 दिसंबर तक पैसा नहीं दिया तो कार्रवाई की जाएगी। उधर प्राधिकरण ने सेफ्टी ऑडिट के लिए राइट्स एजेंसी को रखा था।
एक्सप्रेस वे पर पहले सुरक्षा मानक दुरुस्त किए जाएं। इसके बाद टोल दर बढ़ाने पर विचार होगा। सुप्रीम कोर्ट भी हाइवे पर हादसे रोकने के लिए चिंता जता चुका है। इसको लेकर राज्य सरकार ने कमेटी बनाई हुई है। कमेटी ने यहां पर कई काम करने के लिए कहा है। -डॉ. अरुणवीर सिंह, यमुना प्राधिकरण के सीईओ
बिल्डरों को भूमि 40% भुगतान पर ही मिलेगी
वहीं, यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में बिल्डरों को जमीन आवंटन को लेकर कई बदलाव किए हैं। अब बिल्डरों को 40 प्रतिशत पैसा जमा करने पर ग्रुप हाउसिंग, कॉमर्शियल और टाउनशिप के लिए जमीन आवंटित की जाएगी। उनको आठ के बजाय पांच साल में पैसा जमा करना होगा। बिल्डर प्रोजेक्ट में अब शर्तों के साथ आशंकि पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किए जा सकेंगे। इससे खरीदारों को भी राहत मिलेगी।
यमुना प्राधिकरण में मंगलवार को बोर्ड की 64वीं बैठक चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, डीएम बीएन सिंह भी शामिल हुए। बोर्ड ने बिल्डरों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अभी तक ग्रुप हाउसिंग, कॉमर्शियल और टाउनशिप के लिए 30 प्रतिशत पैसा जमा करने पर जमीन आवंटित कर दी जाती थी लेकिन अब इसमें 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। 10 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क और 30 प्रतिशत आवंटन राशि जमा करने के बाद ही जमीन पर कब्जा मिल सकेगा। बाकी पैसा अभी तक आठ वर्षों में देना होता था। लेकिन यह समय घटा दिया है। अब पांच साल में यह पैसा छमाही किस्तों में देना होगा। अब हर तरह के आवंटियों को पांच साल में ही पैसा जमा करना होगा। इस पर प्राधिकरण ने मुहर लगा दी। यमुना प्राधिकरण प्रोजेक्ट पूरा होने पर ही पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करता है लेकिन अब प्राधिकरण ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की नीति का अपनाया है।