पाकिस्तान (Pakistan) के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे (Kartarpur Corridor) की नींव प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) आज रखेंगे। इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी।
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब, रावी नदी के पार डेरा बाबा नानक से करीब चार किलोमीटर दूर है। सिख गुरु ने 1522 में इसे स्थापित किया था। पहला गुरुद्वारा, गुरुद्वारा करतारपुर साहिब यहां बनाया गया था जहां माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने अंतिम दिन बिताए थे। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मंगलवार को कहा कि करतारपुर गलियारे के छह महीने में पूरा होने की उम्मीद है। यह कदम अगले साल गुरु नानक जी की 550वीं जयंती से पहले उठाया गया है। भारत ने भी कहा है कि वह गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक गलियारा विकसित करेगा जिससे गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।
पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे की आधारशिला समारोह में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के नगर विकास मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई में भारतीय दल मंगलवार को लाहौर पहुंचा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सिद्धू के अलावा केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने वाघा सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश किया जहां उनकी अगवानी पंजाब रेंजर के अधिकारियों ने की।
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने वाघा सीमा पार करने के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि समारोह के लिए आमंत्रित करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘तीन महीने पहले इमरान खान ने जिस बीज को बोया था वह अब पेड़ बन चुका है और मैं इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अधिकारियों को धन्यवाद देता हूं।’