हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये की कास्ट भी लगाई है।छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष 446 चिकित्सा अधिकारियों की नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता एमबीबीएस रखी गयी थी। नियुक्ति साक्षात्कार के आधार पर होनी थी जिसे याचिकाकर्ता डॉक्टार कमल सिंह राजपूत ने उच्च न्यायालय मे चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि बिना लिखित परीक्षा के नियुक्ति किया जाना नियमों के खिलाफ है।
मामले की प्रथम सुनवाई के बाद उच्च न्यायलय ने स्थगन जारी करते हुए नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। बुधवार को मामले में अंतिम सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की एकल पीठ के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के तरफ से तर्क रखा गया कि प्रदेश में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की बहुत जरूरत है