जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस बसपा को 4 से 6 और शरद यादव के नेतृत्व वाले लोकतांत्रिक जनता दल को एक विधानसभा सीट देने को तैयार है। हालांकि बसपा 34 और शरद यादव 6 सीटों की मांग कर रहे है,लेकिन कांग्रेस इतनी अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने अपना संदेश बसपा सुप्रीमो मायावती और शरद यादव तक पहुंचा दिया है। बसपा के वर्तमान में दो विधायक है। मायावती और शरद यादव से अगले एक सप्ताह में बातचीत पूरी होने के बाद अधिकारिक रूप से सीटों के बंटवारे की घोषणा की जाएगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने “दैनिक जागरण” को बताया कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ तालमेल को लेकर पार्टी नेताओं की बैठक में फैसला हुआ है।
सीटों के बंटवारे को लेकर अगले कुछ दिनों में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सभी 200 विधानसभा सीटों पर पूरी तैयारी है,लेकिन साम्प्रदायिक ताकतों को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ समझौता करने पर फैसला लिया गया है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंगलवार को पार्टी नेताओं की बैठक हुई थी।
गहलोत और सचिन मुश्किल से तैयार हुए
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट पहले तो किसी भी दल के साथ समझौता करने को तैयार नहीं थे। इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष तर्क दिया था कि राज्य में पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है। वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी है । इस वजह से किसी दल के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
दोनों नेताओं का यह भी तर्क था कि यदि समझौता होता है और जो सीटें अन्य दल के लिए छोड़ी जाती है,वहां का कार्यकर्ता नैतिक रूप से परेशान होगा। लेकिन केन्द्रीय नेताओं के दबाव के बाद गहलोत और पायलट बसपा एवं शरद यादव के साथ समझौता करने को तैयार हो गए। लेकिन फिर भी यह मानस बनाया गया कि बसपा के लिए 4 से 6 और शरद यादव के लिए एक सीट से अधिक नहीं छोड़ी जानी चाहिए,यदि बसपा अधिक सीटों की मांग करती है तो फिर अकेले चुनाव लड़ने को लेकर भी नेताओं में चर्चा हुई है। मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में गहलोत और पायलट के अतिरिक्त अविनाश पांडे एवं राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी भी थे ।
एनसीपी,सीपीआई और सीपीएम के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं कांग्रेस
एनसीपी ने कुछ दिन पूर्व ही नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर एनसीपी कांग्रेस पर दबाव बना रही है कि उसे भी एक से दो सीटें दी जाए। लेकिन कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व ऐसा करने को तैयार नहीं है। सीपीआई और सीपीएम को लेकर भी कांग्रेस में फिलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है।